
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : सुप्रीम कोर्ट ने ज़्यादा फीस वसूलने के मामले में अहम फैसला सुनाया है। अब स्कूल एफआरसी द्वारा तय की गई फीस से ज़्यादा फीस नहीं वसूल सकते। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पाया है कि निजी स्कूल तय फीस से ज़्यादा फीस वसूल रहे हैं। इससे पहले हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों के पक्ष में फैसला सुनाया था। बाद में हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है और कहा है कि निजी स्कूल एफआरसी द्वारा तय की गई फीस से ज़्यादा फीस नहीं वसूल सकते।
गुजरात में प्री-प्राइमरी स्कूलों में प्रवेश के लिए आयु सीमा में बदलाव
गुजरात सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के तहत प्री-प्राइमरी स्कूलों (निजी स्कूलों) में प्रवेश हेतु आयु सीमा में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब जूनियर केजी, सीनियर केजी और बालवाटिका में बच्चों के प्रवेश के लिए विशिष्ट आयु नियम लागू किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, सभी निजी प्री-प्राइमरी स्कूलों के लिए अनिवार्य पंजीकरण और अभिभावक शिक्षा बोर्ड (पीटीए) के गठन का नियम भी लागू किया गया है। इन नए नियमों का उद्देश्य शिक्षा प्रणाली में सुधार लाना और एकरूपता बनाए रखना है।
गुजरात सरकार के शिक्षा विभाग ने प्री-प्राइमरी स्कूलों में दाखिले के लिए नई आयु सीमा की घोषणा की है। इस नए नियम के अनुसार, 4 साल से कम उम्र के बच्चे को जूनियर केजी में, 4 साल से कम उम्र के बच्चे को सीनियर केजी में और 5 साल से कम उम्र के बच्चे को बालवाटिका में दाखिला मिलेगा। इसके अलावा, सभी निजी प्री-प्राइमरी स्कूलों को ₹10,000 का पंजीकरण शुल्क देकर ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। प्रत्येक स्कूल के लिए 12 सदस्यीय अभिभावक-शिक्षक संघ (पीटीए) का गठन करना और तिमाही बैठकें आयोजित करना भी अनिवार्य है।
गुजरात सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के सुचारू क्रियान्वयन हेतु गठित स्कूल शिक्षा टास्क फोर्स समिति की सिफारिशों के आधार पर, प्री-प्राइमरी स्कूलों के लिए नए और महत्वपूर्ण नियम लागू किए गए हैं। ये नियम विशेष रूप से बच्चों के प्रवेश की आयु सीमा और स्कूलों के प्रबंधन से संबंधित हैं।
प्री-प्राइमरी प्रवेश के लिए नई आयु सीमा
शिक्षा विभाग द्वारा जारी नए नियमों के अनुसार जूनियर केजी, सीनियर केजी और बालवाटिका में दाखिले के लिए आयु सीमा में बदलाव किया गया है।
- जूनियर केजी: जिन बच्चों ने 4 वर्ष पूरे नहीं किए हैं उन्हें जूनियर केजी में प्रवेश मिलेगा।
- सीनियर केजी: जिन बच्चों की आयु 4 वर्ष पूरी हो चुकी है , लेकिन 5 वर्ष से कम है, उन्हें सीनियर केजी में प्रवेश दिया जाएगा।
- बालवाटिका: जिन बच्चों की आयु 5 वर्ष पूर्ण हो गई है, लेकिन 6 वर्ष पूर्ण नहीं हुए हैं, उन्हें बालवाटिका में प्रवेश दिया जाएगा।
ये नियम बच्चों की शिक्षा की नींव को मजबूत करने के लिए बनाए गए हैं।
शिक्षा विभाग के अन्य महत्वपूर्ण नियम:
इस आयु सीमा के अतिरिक्त, शिक्षा विभाग ने कुछ अन्य नियमों की भी घोषणा की है, जिनका पालन करना सभी निजी प्री-प्राइमरी स्कूलों के लिए अनिवार्य है:
- पीटीए का गठन : प्रत्येक स्कूल को शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत में एक अभिभावक शिक्षा समिति (पीटीए) का गठन करना होगा। इस समिति में कुल 12 सदस्य होंगे, जिनमें से कम से कम 75% सदस्य अभिभावक और शिक्षक होंगे। इस समिति की तिमाही बैठकें आयोजित करना और अपनी रिपोर्ट तैयार करना भी अनिवार्य है।
- अनिवार्य पंजीकरण: गुजरात के सभी मौजूदा और नए शुरू हुए गैर-सहायता प्राप्त प्री-प्राइमरी स्कूलों को अनिवार्य पंजीकरण करवाना होगा। इसके लिए, वेबसाइट dpe-preprimaryreg.gujarat.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन करके और ₹10,000 का पंजीकरण शुल्क देकर पंजीकरण प्रमाणपत्र प्राप्त किया जा सकता है।