
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : राज्य के प्रमुख ईको-पर्यटन स्थलों का संचालन और रखरखाव अब निजी कंपनियों के माध्यम से किया जाएगा। ईको-पर्यटन विकास बोर्ड ने इस दिशा में निजी कंपनियों से प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। इस पहल के तहत कंपनियों को गेस्ट हाउस, पर्यटक सुविधा केंद्र, होटल, रेस्टोरेंट और अन्य सुविधाओं का संचालन और रखरखाव करने की जिम्मेदारी दी जाएगी। इससे न केवल पर्यटकों को बेहतर अनुभव मिलेगा, बल्कि सरकार को भी लाभ होगा।
बोर्ड ने पहले चरण में राज्य के 11 प्रमुख पर्यटन स्थलों को चिन्हित किया है। पिछले महीने हुई समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि वर्तमान में सरकार द्वारा पर्यटकों के लिए बनाए गए गेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट और अन्य भवन रखरखाव न होने के कारण धीरे-धीरे खंडहर बन जाते हैं। इसलिए आवश्यक है कि ये संरचनाएं सुरक्षित रहें और पर्यटकों को सुविधाजनक अनुभव मिले। इसी के तहत ईको-पर्यटन बोर्ड ने इन 11 स्थलों का संचालन निजी कंपनियों को सौंपने का निर्णय लिया है।
पहले चरण में शामिल ईको-पर्यटन स्थल:
अयोध्या: फ्लोटिंग रेस्टोरेंट और उधेला झील
चित्रकूट: रामनगर झील और मड़फा किला
बलिया: सुरहा ताल बर्ड सेंचुरी
बाराबंकी: बगहर झील
सीतापुर: अज्जेपुर झील
कुशीनगर: सोहरौना ताल
जालौन: पचनदा
ललितपुर: ककरावल जलप्रपात
बांदा: पर्यटक सुविधा केंद्र और कालिंजर किला
महाराजगंज: देवदह
मिल्कीपुर (अयोध्या): ईको-पर्यटन स्थल
इन स्थलों में पर्यटकों के लिए बोटिंग, पक्षी दर्शन और प्राकृतिक सुंदरता जैसे कई आकर्षण उपलब्ध हैं। उदाहरण के लिए, जालौन के पचनदा में पांच नदियों का संगम देखने को मिलता है और यहां डॉल्फिन की उपस्थिति पर्यटकों को खास आकर्षण देती है। वहीं बलिया की सुरहा ताल (मेरितार झील) में साइबेरियन पक्षी आते हैं।
इस कदम से पर्यटन स्थलों की संरचनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और राज्य में ईको-पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।