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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : सितंबर महीने में साल के सबसे महत्वपूर्ण त्योहार शारदीय नवरात्रि की तिथियां भी हैं। ऐसे में पितृ पक्ष के बाद ही शारदीय नवरात्रि शुरू होगी। जानकारों के अनुसार, इस बार शारदीय नवरात्रि की तिथियां 10 दिनों की हैं, जिनमें भक्तों द्वारा की गई पूजा विशेष फलदायी होती है। एबीपी न्यूज़ ने काशी के ज्योतिष विशेषज्ञ पंडित संजय उपाध्याय से शारदीय नवरात्रि के पर्व को लेकर खास बातचीत की है।

शरद नवरात्रि का पर्व 22 सितंबर से शुरू हो रहा है।

काशी के ज्योतिष विशेषज्ञ पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि इस वर्ष मुख्य पर्व शरद नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू हो रही है, नवरात्रि की चतुर्थी तिथि 25 और 26 सितंबर दोनों दिन रहेगी। इस कारण यह नवरात्रि 10 दिनों की होगी। नोम 1 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इसके ठीक अगले दिन 2 अक्टूबर को विजयादशमी का पर्व मनाने की तिथि है। यह सुखद संयोग है कि इस बार शरद नवरात्रि का पर्व 10 दिनों का होगा। हाथी पर मां का आगमन लोगों के लिए सुख, समृद्धि और आरोग्य लेकर आएगा। यह नवरात्रि राष्ट्र के विकास और उन्नति के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।

लोग नवरात्रि के दौरान धार्मिक अनुष्ठानों के साथ पूजा करते हैं।

चैत्र और शारदीय नवरात्रि भारत के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक माने जाते हैं। शारदीय नवरात्रि में भक्त देवी के विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं। प्रत्येक तिथि पर सात्विक भोजन, ब्रह्मचर्य और संयमित जीवन के साथ माँ दुर्गा की पूजा की जाती है।

शारदीय नवरात्रि पर दुर्गा पूजा पंडाल भी बनाए जाते हैं, जिन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं। शहर में एक अलग ही रौनक देखने को मिलती है। ऐसे में लोग साल भर नवरात्रि का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं।

माँ की सवारी विशेष है।

इस वर्ष देवी दुर्गा का वाहन हाथी है। शास्त्रों में मान्यता है कि जब देवी नवरात्रि में हाथी पर सवार होकर आती हैं, तो अधिक वर्षा होने की संभावना होती है। देवी के इस वाहन का संदेश है कि आने वाले समय में देश का कल्याण हो। लोगों को सुख-समृद्धि प्राप्त हो।

देवी भागवत में लिखा है कि देवी का वाहन उस दिन के आधार पर तय किया जाता है जिस दिन नवरात्रि शुरू होती है।

सप्ताह के सातों दिनों के लिए देवी के अलग-अलग वाहन बताए गए हैं, उदाहरण के लिए, जब नवरात्रि सोमवार या रविवार से शुरू होती है, तो देवी का वाहन हाथी होता है।

यदि नवरात्रि शनिवार या मंगलवार को शुरू होती है, तो वाहन घोड़ा होता है।

यदि नवरात्रि गुरुवार या शुक्रवार को शुरू होती है, तो देवी पालकी पर सवार होकर आती हैं। जब नवरात्रि बुधवार को शुरू होती है, तो देवी का वाहन नाव होता है।

शारदीय नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त

नवरात्रि की शुरुआत घटस्थापना से होती है। घटस्थापना का सबसे शुभ मुहूर्त 22 सितंबर को सुबह 06:09 से 08:06 बजे तक है। घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11:49 से 12:38 बजे तक है।

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