
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : गोरखपुर और आजमगढ़ के बीच अब सफर पहले से कहीं ज्यादा आसान और तेज हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 20 जून को गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया, जो गोरखपुर के जैतपुर गांव से शुरू होकर आजमगढ़ जिले के सलारपुर गांव में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जुड़ता है।
करीब 7283 करोड़ रुपये की लागत से बना यह 91.352 किलोमीटर लंबा फोर-लेन एक्सप्रेसवे पूर्वांचल के कई जिलों को सीधे फायदा पहुंचाएगा। इसमें गोरखपुर, संत कबीर नगर, अंबेडकर नगर और आजमगढ़ शामिल हैं।
इस एक्सप्रेसवे के शुरू होते ही लखनऊ की दूरी भले ही कुछ किलोमीटर ज्यादा हो, लेकिन सफर में लगने वाला समय घटकर महज 3.5 से 4 घंटे रह गया है। बिना किसी ट्रैफिक रुकावट के यह सफर ज्यादा सुगम और तेज हो गया है।
राज्य सरकार ने इस परियोजना को सिर्फ एक हाईवे के तौर पर नहीं, बल्कि एक विकास रेखा के रूप में देखा है। गोरखपुर और आजमगढ़ के बीच व्यावसायिक और सांस्कृतिक रिश्ते मजबूत होंगे। व्यापारियों, यात्रियों और आम लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
इस एक्सप्रेसवे के दोनों ओर औद्योगिक गलियारा (इंडस्ट्रियल कॉरिडोर) बनाने की योजना है, जिससे रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। गोरखपुर के धुरियापार में इसके लिए 5500 एकड़ जमीन का अधिग्रहण भी किया जा रहा है।
निर्माण से जुड़े खास तथ्य:
निर्माण तत्व | संख्या |
---|---|
टोल/रैंप प्लाजा | 9 |
रैंप (चढ़ने/उतरने वाले) | 9 |
जनसुविधा परिसर | 2 |
टॉयलेट ब्लॉक | 2 |
फ्लाईओवर | 7 |
बड़े पुल | 8 |
छोटे पुल | 14 |
अंडरपास (छोटे-बड़े) | 125 |
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे से जुड़े 5800 हेक्टेयर क्षेत्र में निवेश की संभावनाएं हैं। इसका मतलब है—कारखाने, उद्योग और रोजगार का नया चेहरा उभरता उत्तर प्रदेश।
अब न सिर्फ दूरी घटेगी, बल्कि जिंदगी भी बदलेगी। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश को एक नया रफ्तार देने जा रहा है।