
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : टैरिफ वॉर के चलते भारत और अमेरिका के रिश्तों में हाल ही में तनाव बढ़ा है। इसी कड़ी में अमेरिका ने सर्जियो गोर को भारत में अपना नया राजदूत नियुक्त किया है, जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सबसे भरोसेमंद सलाहकारों में से एक हैं। इस नियुक्ति से दोनों देशों के रिश्तों में क्या बदलाव आएगा, यह एक बड़ा सवाल है। जानकारों के मुताबिक, ट्रंप ने अपने करीबी अधिकारी को भारत भेजकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक कड़ा और निजी संदेश दिया है।
अमेरिका ने ट्रंप के 'अमेरिका फ़र्स्ट' एजेंडे के अनुरूप, सर्जियो गोर को भारत में अपना नया राजदूत नियुक्त किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नियुक्ति ट्रंप का एक कड़ा और सीधा संदेश है। गोर का भारत में कोई विशेष अनुभव नहीं है, लेकिन ट्रंप तक उनकी सीधी पहुँच और उन पर उनका भरोसा उन्हें दोनों देशों के बीच गंभीर बातचीत का माध्यम बना सकता है। पूर्व राजदूत एरिक गार्सेटी की जगह लेने वाले गोर की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं।
ट्रम्प का सीधा संदेश
जानकारों के मुताबिक, सर्जियो गोर को भारत भेजकर डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी को एक स्पष्ट और कड़ा संदेश दिया है। यह संदेश यह है कि अमेरिका अब भारत के साथ संबंधों को सिर्फ़ व्यापारिक नज़रिए से देखेगा। 'पोलिटिको' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक अधिकारी ने बताया कि गोर की नियुक्ति का मकसद तनाव कम करना तो है ही, साथ ही यह इस बात का संकेत भी है कि अब दोनों देशों के बीच गंभीर बातचीत होगी। गोर की हर बात ट्रंप का सीधा आदेश मानी जाएगी, जिससे कूटनीतिक प्रक्रिया तेज़ और ज़्यादा प्रत्यक्ष होगी।
गोर की नियुक्ति के कारण
गोर को भारत के साथ काम करने का कोई विशेष अनुभव नहीं है, लेकिन उनकी नियुक्ति के मुख्य कारण इस प्रकार हैं:
- ट्रंप का भरोसा: व्हाइट हाउस के पूर्व अधिकारी स्टीव बैनन के अनुसार, गोर उन गिने-चुने लोगों में से एक हैं जो राष्ट्रपति ट्रंप से कभी भी मिल सकते हैं। यह सीधी पहुँच दोनों देशों के रिश्तों के लिए बेहद अहम है।
- त्वरित निर्णय लेने की क्षमता: भले ही उन्हें भारतीय नीतियों की अधिक जानकारी न हो, लेकिन वे मुद्दों को शीघ्रता से समझ सकते हैं और ट्रम्प की नीतियों के अनुसार निर्णय ले सकते हैं।
- 'अमेरिका फर्स्ट' एजेंडा: गोर की छवि ट्रम्प के 'अमेरिका फर्स्ट' एजेंडे के अनुरूप है, जो दर्शाता है कि वह अमेरिका के व्यापारिक हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे।