
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार थारू जनजाति की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को मज़बूत करने के लिए लगातार काम कर रही है। सरकार का मकसद है कि प्रदेश की विशेष जनजातियां और वनवासी समुदाय मुख्यधारा से जुड़ें, शिक्षा और रोजगार के अवसर पाएं और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।
प्रदेश के तीन जिलों में थारू जनजाति के 371 समूह बनाए गए हैं। इन समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सरकार ने 30 हजार रुपये का रिवॉल्विंग फंड और 1.5 लाख रुपये का कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड (CIF) उपलब्ध कराया है। इसका उद्देश्य इन समूहों को छोटे व्यवसाय शुरू करने, रोजगार बढ़ाने और आजीविका के साधन विकसित करने में मदद करना है।
थारू हस्तशिल्प को मिला नया मंच
लखीमपुर खीरी जिले के पलिया ब्लॉक में थारू हस्तशिल्प कंपनी की स्थापना की गई है। यह कंपनी FDRVC (Forest and Development Related Value Chain) के सहयोग से बनी है। इसका मकसद है कि थारू समुदाय की पारंपरिक कला को संगठित कर उसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाया जाए। साथ ही उनके उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर भी काम किया जा रहा है, ताकि शिल्पकारों की मेहनत का सही मूल्य मिल सके।
आजीविका सुधार का मजबूत कदम
थारू समुदाय के पास हस्तशिल्प और प्राकृतिक संसाधनों की समृद्ध परंपरा है। लेकिन अब तक संगठित मंच की कमी के कारण इन्हें उचित बाज़ार नहीं मिल पाता था। इस नई पहल से न केवल स्थानीय शिल्पकारों की आय बढ़ेगी, बल्कि उन्हें रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।
सीएम योगी का विज़न
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि समाज का कोई भी वर्ग विकास से वंचित न रहे, यही सरकार की प्राथमिकता है। चाहे वनवासी हों, विशेष जनजातियां हों या वंचित वर्ग, सभी को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाना सरकार का लक्ष्य है।
थारू जनजाति को सशक्त बनाने की यह पहल आगे चलकर अन्य विशेष जनजातियों और वनवासी समुदायों के लिए भी एक मॉडल के रूप में लागू की जाएगी।