Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार विधानसभा चुनाव (2025) के लिए अंतिम चरण का मतदान संपन्न होने के बाद मंगलवार (11 नवंबर, 2025) को एग्जिट पोल के आंकड़े जारी होने शुरू हो गए, जिसमें कुछ चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू (जनता दल यूनाइटेड) की सीटों की संख्या में बड़ा उछाल आया है। मैट्रिज-आईएएनएस सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, जेडीयू को 67 से 75 सीटें मिलने का अनुमान है, जो भाजपा के अनुमानित 65 से 73 सीटों से ज्यादा है। हालांकि, एक अन्य एजेंसी चाणक्य के आंकड़ों में भाजपा को 70 से 75 सीटें और जेडीयू को 52 से 57 सीटें मिलने का अनुमान है। यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से 2020 के चुनावों में हुए नुकसान की भरपाई के लिए लगती है, जिसका एक कारण चिराग पासवान का एनडीए के साथ गठबंधन माना जा रहा है।
मतदान समाप्त और एग्जिट पोल के चौंकाने वाले नतीजे
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदान समाप्त हो चुका है और अंतिम नतीजे 14 नवंबर को घोषित होने हैं। लेकिन उससे पहले ही मंगलवार को विभिन्न एजेंसियों द्वारा जारी एग्जिट पोल के आंकड़ों ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। इन आंकड़ों के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार बिहार में किसकी सरकार बन सकती है।
जबकि अंतिम परिणामों की प्रतीक्षा की जा रही है, मैट्रिज-आईएएनएस और चाणक्य जैसी एजेंसियों द्वारा जारी आंकड़ों से जेडीयू (जनता दल यूनाइटेड) के प्रदर्शन के बारे में आश्चर्यजनक रुझान सामने आया है।
जेडीयू ने भाजपा को पीछे छोड़ा: मैट्रिज-आईएएनएस सर्वेक्षण
मैट्रिज-आईएएनएस सर्वे के आंकड़ों में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू की सीटों में भारी उछाल देखने को मिला है। इस सर्वे में जेडीयू को 67 से 75 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि बीजेपी को 65 से 73 सीटें मिलने का अनुमान है। ये आंकड़े बताते हैं कि जेडीयू को बीजेपी से ज़्यादा सीटें मिलने की संभावना है। हालाँकि, एक अन्य प्रमुख एजेंसी चाणक्य के आंकड़ों में रुझान थोड़ा अलग है, जिसमें बीजेपी को 70 से 75 सीटें और जेडीयू को 52 से 57 सीटें मिलने का अनुमान है।
2020 के खराब प्रदर्शन की भरपाई की संभावना
यह बढ़त नीतीश कुमार की पार्टी के लिए खास तौर पर अहम है। गौरतलब है कि 2020 के चुनाव में जेडीयू को सिर्फ 43 सीटें मिली थीं, जबकि बीजेपी को 74 सीटें मिली थीं। उस समय माना जा रहा था कि चिराग पासवान की पार्टी ने जेडीयू को कई सीटों पर बड़ा नुकसान पहुंचाया है। हालांकि, 2025 के इस विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी एनडीए के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ी है, जिसकी वजह से इस बार नीतीश कुमार को सकारात्मक फायदा मिलना तय माना जा रहा है।
पिछले चुनाव परिणाम और एग्जिट पोल की विफलता
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन (राजद-75 सीटें) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि भाजपा को 74 और जदयू को 43 सीटें मिलीं। हालाँकि, उस चुनाव के बाद, सर्वेक्षण एजेंसियों के अधिकांश एग्जिट पोल, जिनमें महागठबंधन की सरकार बनने की भविष्यवाणी की गई थी, गलत साबित हुए। अंततः, नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी। इस इतिहास के कारण, इस (2025) के एग्जिट पोल के आंकड़ों को अंतिम परिणाम घोषित होने तक सटीक भविष्यवाणी नहीं माना जा सकता।




