img

Prabhat Vaibhav,Digital Desk : योगी सरकार का 'समर्थ उत्तर प्रदेश - विकसित उत्तर प्रदेश @2047' अभियान जनता से जबरदस्त प्रतिक्रिया पा रहा है। इस अभियान के तहत प्रदेश के सभी 75 जिलों में नोडल अधिकारी और समाज के प्रबुद्ध लोग छात्रों, शिक्षकों, किसानों, व्यवसायियों, उद्यमियों, स्वयंसेवी संस्थाओं, श्रमिक संघों, मीडिया और आम जनता से सीधे संवाद कर रहे हैं।

लोगों से न सिर्फ पिछले 8 वर्षों के विकास पर चर्चा की जा रही है, बल्कि भविष्य की योजनाओं और रोडमैप पर सुझाव भी लिए जा रहे हैं। अब तक प्रदेशभर से लगभग 19 लाख सुझाव प्राप्त हो चुके हैं।

सरकारी पोर्टल पर आए फीडबैक में अधिकांश सुझाव ग्रामीण क्षेत्रों से आए हैं, लेकिन शहरी इलाकों ने भी अच्छी भागीदारी दिखाई है। अलग-अलग उम्र के लोग इसमें शामिल हुए हैं, और खासकर युवाओं का उत्साह देखने लायक रहा।

जनता का फोकस: शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि

जनता की राय में शिक्षा सबसे बड़ा मुद्दा बनकर सामने आया है। लोग चाहते हैं कि शिक्षा में सुधार हो, नई तकनीक का इस्तेमाल बढ़े, व्यावसायिक प्रशिक्षण मिले और विदेशी भाषा सीखने पर ध्यान दिया जाए।

स्वास्थ्य सेवाओं और समाज कल्याण योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन को लेकर भी सुझाव मिले हैं।

कृषि क्षेत्र में सुझावों में किसानों को नई तकनीक, मंडियों का आधुनिकीकरण और फसल भंडारण क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया गया है।

जिलों की भागीदारी में विविधता

सबसे अधिक फीडबैक संभल, महाराजगंज और सोनभद्र जिलों से प्राप्त हुए हैं। वहीं इटावा, फिरोजाबाद और ललितपुर जैसे जिलों से अपेक्षाकृत कम सुझाव आए। इससे यह स्पष्ट होता है कि ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में इस अभियान में गहरी रुचि रही।

जनता की खास राय

सुल्तानपुर: कुलश्रेष्ठ सिंह ने कहा कि शिक्षा में विद्यार्थी, अभिभावक और शिक्षक तीनों की जिम्मेदारी होनी चाहिए। उन्होंने छोटे स्तर से व्यावसायिक प्रशिक्षण और संस्कार पर ध्यान देने की सलाह दी।

मैनपुरी: अंजलि दीक्षित ने किसानों को AI और IoT जैसी आधुनिक तकनीकों से जोड़ने और कृषि मंडियों को आधुनिक बनाने का सुझाव दिया।

जौनपुर: बृजेश सिंह ने ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने और शहरी-ग्रामीण बच्चों के बीच शैक्षिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की व्यवस्था करने की पेशकश की।

सरकार इन सुझावों का विश्लेषण करके 'विकसित उत्तर प्रदेश 2047' विजन डॉक्यूमेंट तैयार करेगी। इस दस्तावेज़ में आम जनता की राय सीधे शामिल होगी, ताकि विकास योजनाएं जमीन से जुड़ी हों और वास्तविक जरूरतों को पूरा कर सकें।