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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तर प्रदेश सरकार विदेशी निवेश को आकर्षित करने की अपनी महत्वाकांक्षी योजना के तहत एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसके लिए, राज्य का औद्योगिक प्रोत्साहन एवं निर्यात संवर्धन ब्यूरो, 'इन्वेस्ट यूपी' (Invest UP), विशेष रूप से जापान के साथ निवेश संबंधों को मजबूत करने हेतु 'इन्वेस्ट यूपी जापान डेस्क' (Invest UP Japan Desk) की स्थापना करेगा। इस पहल का मुख्य उद्देश्य जापानी कंपनियों को राज्य में निवेश के लिए एक समर्पित इंटरफ़ेस प्रदान करना, उनके प्रस्तावों को सुगम बनाना और द्विपक्षीय व्यापार को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। इस डेस्क के लिए चयनित अधिकारियों को न केवल आवश्यक प्रशासनिक प्रशिक्षण दिया जाएगा, बल्कि उन्हें जापानी भाषा का विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि वे जापानी व्यापारिक समुदाय के साथ प्रभावी ढंग से संवाद स्थापित कर सकें।

जपानी कंपनियों से निरंतर संपर्क और निवेश प्रस्तावों का सरलीकरण

'इन्वेस्ट यूपी जापान डेस्क' पर तैनात होने वाले अधिकारी जापानी कंपनियों के साथ सीधे और लगातार संपर्क में रहेंगे। उनका कार्य जापान से आने वाले निवेश प्रस्तावों (investment proposals) को समझना, उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियों के अनुरूप ढालना और उनकी स्वीकृति प्रक्रिया को तेज करना होगा। इसके अलावा, वे राज्य में पहले से मौजूद जापानी कंपनियों के साथ भी सामंजस्य स्थापित करेंगे और किसी भी बाधा को दूर करने में सहायता करेंगे। यह सक्रिय दृष्टिकोण न केवल जापान से होने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को बढ़ाएगा, बल्कि प्रदेश में जापानी निवेश के लिए एक सकारात्मक और सहायक कारोबारी माहौल भी बनाएगा।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर जापान की सफल यात्रा, ओडीओपी उत्पादों को मिली अंतर्राष्ट्रीय पहचान

हाल ही में, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी और इन्वेस्ट यूपी के सीईओ विजय किरन आनंद के नेतृत्व में एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने जापान की एक महत्वपूर्ण यात्रा की। इस यात्रा के दौरान, प्रतिनिधिमंडल ने ओसाका शहर में चल रहे वल्र्ड एक्सपो 2025 में भाग लिया, जहाँ उत्तर प्रदेश ने अपना विशेष 'पेवेलियन' (pavilion) स्थापित किया। इस पेवेलियन में राज्य के महत्वाकांक्षी 'एक जिला एक उत्पाद' (ODOP - One District One Product) योजना के तहत निर्मित विभिन्न उत्पादों, जैसे बनारसी वस्त्र, शाजर पत्थर की कफलिंक और धातु कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय आगंतुकों से खूब प्रशंसा प्राप्त की। इस प्रदर्शन ने प्रदेश की समृद्ध विरासत, अद्वितीय शिल्प कौशल और 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में राज्य के योगदान को विश्व पटल पर मजबूती से रखा।

जापान के प्रमुख क्षेत्रों में निवेश की नई राहें: ग्रीन हाइड्रोजन, सेमीकंडक्टर और उन्नत विनिर्माण

इस प्रतिनिधिमंडल ने अपनी जापान यात्रा के दौरान, ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen) और सेमीकंडक्टर (Semiconductor) जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में भारी निवेश की संभावनाओं को खंगाला। यामानाशी प्रांत में स्थित ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट, संटोरी हकुशू डिस्टिलरी व हाइड्रोजन रिसर्च सेंटर, और यामानाशी विश्वविद्यालय के हाइड्रोजन और ईंधन सेल नैनोमटेरियल्स सेंटर का दौरा कर, उत्तर प्रदेश ने तकनीकी हस्तांतरण (technology transfer) और सहयोग के प्रस्ताव रखे। मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी के साथ पांच अधिकारियों की टीम ने जापानी प्रतिनिधियों को ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन, भंडारण और अनुप्रयोग में उत्तर प्रदेश की क्षमता बताई।

सेमीकंडक्टर क्षेत्र में, टोक्यो इलेक्ट्रान लिमिटेड (Tokyo Electron Limited) को उत्तर प्रदेश में सेमीकंडक्टर उत्पादन इकाइयों की स्थापना हेतु निवेश (investment) और तकनीकी सहयोग का प्रस्ताव दिया गया।ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में सेमीकंडक्टर नीति-2024 पेश की है, जो इस क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय और ढांचागत प्रोत्साहन प्रदान करती है।इसके अतिरिक्त, जापान की डेंसो कारपोरेशन (Denso Corporation) को मोटर जनरेटर (motor generator) निर्माण इकाई की स्थापना के लिए भी प्रस्ताव दिया गया, जो राज्य के औद्योगिक विकास को नई दिशा देगा।

शहरी विकास, फार्मा और कुशल कार्यबल पर भी विशेष ध्यान

प्रतिनिधिमंडल ने जापान के विभिन्न शहरों के मेयरों के साथ भी महत्वपूर्ण बैठकें कीं, जिनमें शहरी विकास (urban development), स्मार्ट सिटी (smart city) की अवधारणाओं और नागरिक सुविधाओं को बेहतर बनाने पर विचार-विमर्श किया गया।इसके साथ ही, जापान की कई प्रमुख फार्मा कंपनियों (Pharma Companies) को भी उत्तर प्रदेश में अपनी उत्पादन इकाइयाँ स्थापित करने हेतु निवेश प्रस्ताव दिए गए, जो राज्य के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को मजबूत करेगा।जापान की कंपनियाँ, जैसे कि मारोबू हैनशिन (Marubho Hanshin), उत्तर प्रदेश में वैश्विक क्षमता केंद्र (Global Capability Centers - GCC) स्थापित करने की संभावनाएं भी तलाश रही हैं, जिससे प्रदेश के आईटी पेशेवरों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।]

जापान का UP में बढ़ता विश्वास और भविष्य की राह

जापान उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए अपनी बढ़ती रुचि व्यक्त कर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप हाल ही में यामानाशी प्रांत के उप-राज्यपाल को-ओसादा ने स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी।उन्होंने बताया था कि लगभग 250 जापानी कंपनियों के सीईओ प्रदेश में निवेश के अवसरों का मूल्यांकन करने के लिए यात्रा करेंगे।जापान के उद्यमियों का यह उत्साह, प्रदेश की मजबूत कानून-व्यवस्था, सुशासन और तीव्र आर्थिक विकास (rapid economic growth) से प्रेरित है।

'इन्वेस्ट यूपी जापान डेस्क' की स्थापना इस बढ़ते सहयोग को और सुदृढ़ करेगी। यह डेस्क जापानी निवेशकों के लिए एक विश्वसनीय संपर्क बिंदु के रूप में कार्य करेगा, उनके निवेश प्रस्तावों को तेजी से धरातल पर उतारने में मदद करेगा और उत्तर प्रदेश को भारत के लिए एक प्रमुख वैश्विक निवेश गंतव्य (global investment destination) के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

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