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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : महाराष्ट्र में लंबे समय से प्रतीक्षित नगर निगम चुनावों की तिथियों की घोषणा आखिरकार हो गई है। राज्य चुनाव आयोग ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) सहित कुल 29 नगर निगमों के लिए चुनाव कार्यक्रम जारी किया है। मतदान 15 जनवरी, 2026 को होगा और परिणाम अगले दिन यानी 16 जनवरी को घोषित किए जाएंगे। इस घोषणा के साथ ही पूरे राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। लगभग 3.48 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव, जो ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर पिछले पांच से सात वर्षों से अटके हुए थे, अब खुल गए हैं। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद, राज्य चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर राज्य के 29 नगर निगमों के चुनावों के लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी की। इस घोषणा के साथ ही आज से इन सभी शहरों में चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। ये चुनाव मुंबई, पुणे, नागपुर और ठाणे जैसे महत्वपूर्ण शहरों के लिए बेहद अहम साबित होंगे।

चुनाव आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 23 दिसंबर से शुरू होकर 30 दिसंबर तक चलेगी। नामांकन पत्रों की जांच 31 दिसंबर को की जाएगी, जबकि फॉर्म वापस लेने की अंतिम तिथि 2 जनवरी, 2026 है। चुनाव चिन्ह 3 जनवरी को उम्मीदवारों को वितरित किए जाएंगे। सबसे महत्वपूर्ण दिन यानी मतदान 15 जनवरी को होगा और वोटों की गिनती 16 जनवरी को की जाएगी।

इस बार 1 जुलाई, 2025 की मतदाता सूची का उपयोग किया जाएगा। मुंबई में मतदाताओं की सुविधा के लिए 10,111 मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जबकि राज्य भर में कुल 39,147 मतदान केंद्रों पर मतदान होगा। मुंबई में लगभग 11 लाख डुप्लिकेट मतदाता होने की संभावना है, जिनकी पहचान कर ली गई है। ऐसे मतदाताओं के नाम पर 'दो सितारे' (**) अंकित किए जाएंगे और मतदान के समय उनसे एक वचन पत्र लिया जाएगा।

चुनाव आयोग ने खर्च की सीमा भी तय कर दी है। मुंबई जैसी 'ए' श्रेणी की नगर निगम में उम्मीदवार अधिकतम 15 लाख रुपये खर्च कर सकता है। वहीं 'बी' श्रेणी में यह सीमा 13 लाख रुपये, 'सी' श्रेणी में 11 लाख रुपये और 'डी' श्रेणी में 9 लाख रुपये है। मुंबई में वार्ड में केवल एक ही सीट होती है, इसलिए मतदाताओं को केवल एक ही वोट डालना होगा, जबकि अन्य नगर निगमों में वार्ड में सदस्यों की संख्या के अनुसार मतदान करना होगा।

चुनाव प्रक्रिया को सुचारू और पारदर्शी बनाने के लिए 19 लाख से अधिक कर्मचारी तैनात रहेंगे। वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग मतदाताओं के लिए मतदान केंद्रों पर रैंप और व्हीलचेयर की सुविधा उपलब्ध होगी। इस चुनाव में कुल 2869 सीटों पर चुनाव लड़ा जाएगा, जिनमें से 1442 सीटें महिलाओं के लिए, 759 सीटें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), 341 सीटें अनुसूचित जाति और 77 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। जालना और इचलकरंजी जैसी नवगठित नगर निगमों में भी पहली बार चुनाव होंगे।

यह चुनाव राज्य की राजनीतिक पार्टियों के लिए एक अग्निपरीक्षा है। 16 जनवरी को यह स्पष्ट हो जाएगा कि 34.8 करोड़ मतदाता शहरी शासन की बागडोर किसे सौंपेंगे। आदर्श आचार संहिता के सख्त कार्यान्वयन के लिए व्यवस्था पूरी तरह से तैयार है और मतदान से 48 घंटे पहले प्रचार पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।