Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भारत के पास 'अरिहंत श्रेणी' की पनडुब्बियाँ हैं, जो समुद्र-आधारित परमाणु शक्ति से संपन्न हैं। स्वदेशी अरिहंत श्रेणी ने भारत को समुद्र में निरंतर मारक क्षमता बनाए रखने का आत्मविश्वास दिया है।

रूस ने बोरेई श्रेणी की पनडुब्बियों के साथ अपनी नौसैनिक शक्ति को एक नया आयाम दिया है। इन पनडुब्बियों को पुरानी टाइफून और डेल्टा श्रेणी की पनडुब्बियों की जगह लेने के लिए डिज़ाइन किया गया है। लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस, बोरेई श्रेणी की पनडुब्बियाँ रूसी नौसैनिक शक्ति का नया चेहरा बन गई हैं।

अमेरिका के पास 'ओहायो-क्लास एसएसबीएन ट्राइडेंट II डी5' पनडुब्बियाँ हैं। ये पनडुब्बियाँ बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस हैं।

चीन की जिन/टाइप-094 श्रेणी की पनडुब्बियों ने दक्षिण-पूर्व एशिया और प्रशांत क्षेत्र में चीन के समुद्री प्रभाव को और मजबूत किया है।

ब्रिटेन की वैनगार्ड श्रेणी और फ्रांस की ट्रायम्फ श्रेणी की पनडुब्बियों में से प्रत्येक में लगभग 16 सामरिक मिसाइल ट्यूब हैं, जो उनके देशों की "सर्व-तरह" परमाणु प्रतिक्रिया क्षमता सुनिश्चित करती हैं।





