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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बनारस को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन की नई पहचान देने के लिए सरकार और जिला प्रशासन लगातार नए प्रयास कर रहे हैं। शहर के धार्मिक परिपथ को बेहतर बनाने के साथ-साथ हेरिटेज स्थलों को भी नए रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके प्रचार-प्रसार के लिए खास कैम्पेन चलाया जा रहा है ताकि देश-विदेश के पर्यटकों तक इसकी जानकारी आसानी से पहुंच सके।

फ्लैक्स पर अब बारकोड भी लगाया गया है, जिसे स्कैन करते ही पर्यटक यह जान पाएंगे कि कौन-सा स्थल बनारस से कितनी दूरी पर है और वहाँ क्या खास देखने लायक है।

पर्यटकों के लिए डे-वन काशी टूर

काशी को केंद्र में रखते हुए एक आकर्षक टूर प्लान बनाया गया है। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में एक बड़ा फ्लैक्स लगाकर बताया गया है कि काशी, विंध्याचल, अयोध्या, प्रयागराज और चित्रकूट कैसे पहुँचा जा सकता है और वहाँ क्या-क्या देखा जा सकता है। यह पूरी योजना पांच दिन के रात्रि प्रवास के आधार पर बनाई गई है।

दिनवार यात्रा–योजना

पहला दिन: काशी दर्शन

सुबह:
सुबह-ए-बनारस, बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती, काल भैरव मंदिर, हेरिटेज वॉक, मान महल म्यूजियम, नागरी प्रचारिणी सभा, दुर्गा मंदिर, संकट मोचन, बीएचयू स्थित बाबा विश्वनाथ मंदिर।

दोपहर:
काशी विश्वनाथ भोग आरती, टीएफसी, रामनगर फोर्ट, ज्ञान प्रवाह, सरस्वती लाइब्रेरी, भारत माता मंदिर, राजघाट ASI साइट।

शाम:
गंगा आरती, नमो घाट, सारनाथ, शॉपिंग और अन्य स्थान।

दूसरा दिन: विंध्याचल धाम

सुबह:
मारकंडेय महादेव, कैथी घाट।

दोपहर:
विंध्याचल मंदिर, कालीखोह, अष्टभुजा, चुनार किला।

शाम:
काशी वापसी, नमो घाट पर गंगा आरती, बाजार भ्रमण।

तीसरा दिन: प्रयागराज टूर

सुबह-ए-बनारस के बाद प्रयागराज प्रस्थान—बड़ा हनुमान मंदिर, प्रयागराज म्यूजियम, अलोपी देवी मंदिर, भदोही में सीता समाहित स्थल। शाम को बनारस वापस।

चौथा दिन: अयोध्या यात्रा

गंगा घाटों का आनंद लेने के बाद अयोध्या के लिए रवाना—हनुमान गढ़ी, कनक भवन, राम की पैड़ी, राम जन्मभूमि भोग आरती, रामकथा पार्क, संग्रहालय। शाम तक वाराणसी वापसी।

पांचवा दिन: चित्रकूट यात्रा

राम घाट, सती अनसूया आश्रम, स्पटिक शिला आदि के दर्शन। लौटकर चंद्रावती घाट पर डॉल्फिन दर्शन, सारनाथ लाइट ऐंड साउंड शो और शहर के बाजारों का भ्रमण।

बनारस को मिल रहे नए पंख

वर्ष 2014 के बाद से 51,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएँ पूरी हुईं।

विश्वनाथ धाम बनने से सर्विस सेक्टर और पर्यटन उद्योग में तेज वृद्धि, नए होटल, स्टे-होम, ट्रांसपोर्ट सेवाएँ तेज़ी से बढ़ीं।

स्वास्थ्य, शिक्षा और सड़क नेटवर्क में बड़े स्तर पर बदलाव।

प्रदेश की GDP में बनारस का योगदान लगभग 1.99%।

रोपवे और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बनने से विकास को नई रफ्तार मिलेगी।

मंडलायुक्त एस. राजलिंगम के अनुसार, धार्मिक परिपथ—काशी, विंध्य और अयोध्या—के विकास से पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रति व्यक्ति आय में भी इजाफा हो रहा है। रोपवे जैसे नए निर्माण कार्य बनारस के पर्यटन भविष्य को और मजबूत करेंगे।