ललित कला अकादमी स्थापना दिवस : तीन दिवसीय कला रंग महोत्सव प्रारम्भ
दस तक चलेंगे लोक कलाओं के विविध कार्यक्रम
लखनऊ, 8 फरवरी। राज्य ललित कला अकादमी के 60वें स्थापना दिवस पर आठ से 10 फरवरी तक चलने वाला तीन दिवसीय कला रंग महोत्सव का आज से प्रारम्भ हो गया। संस्कार भारती के अखिल भारतीय सरंक्षक पदमश्री बाबा योगेंद्र और भारतेंदु नाट्य अकादमी के अध्यक्ष रविशंकर खरे, ललित कला अकादमी अध्यक्ष सीताराम कश्यप व उपाध्यक्ष गिरीशचन्द्र मिश्र ने ऐतिहासिक छतरमंजिल परिसर में हुए इस समारोह में 20 अन्य प्रदर्शनियों व स्वातंत्र्य वीर अर्चन चित्रकला शिविर का उद्घाटन किया।
समारोह में 34वीं प्रदर्शनी के चपनित कलाकारों के साथ ही नवदुर्गा नौ छवियां प्रतियोगिता, भारत रत्न अटल जी के व्यक्तित्व पर आधारित प्रदर्शनी के पुरस्कार भी वितरित किये गये। इसके अतिरिक्त शाम को कठपुतली नाटिका, नृत्य नाटिका व लोक गायन प्रस्तुति भी हुई। इससे पूर्व 34वीं प्रदर्शनी का उद्घाटन लाल बारादरी भवन में हुआ। आज कुल छब्बीस पुरस्कार प्रदान किये गये।
उद्घाटन समारोह में अतिथियों से 34वीं प्रदर्शनी के पुरस्कार प्राप्त करने वालों में सर्वश्री आशीष कुमार मौर्या मिर्जापुर, शिखा पाण्डेय लखनऊ, डाॅ.अभिलाषा चैधरी कानपुर, साधना वाराणसी, प्रिया मिश्रा बरेली, दीक्षा जायसवाल कानपुर, योगेन्द्र कुमार मौर्य मऊ शामिल रहे। इन कलाकारों को 20 हजार की राशि, स्मृतिचिन्ह व प्रमाणपत्र इत्यादि देकर सम्मानित किया गया। अकादमी, द्वारा आयोजित 34वीं राज्य स्तरीय कला प्रदर्शनी हेतु 285 कलाकारों की 285 कलाकृतियों के छायाचित्र प्राप्त हुए। जिसमें से प्रथम चरण में 130 कलाकारों की कुल 130 कलाकृतियां और द्वितीय चरण में प्रदर्शनी हेतु मूल रूप से 117 कलाकारों की 117 कलाकृतियां, जिनमें 75 चित्र, 12 रेखांकन, 10 ग्राफिक्स, 14 मूर्तियां व छह पोस्टर प्रदर्शनी में सम्मिलित हैं।
पद्मकांत शर्मा के संचालन में चले समारोह में बाबा योगेन्द्र ने अकादमी के 60 वर्षीय समारोह के लिए अकादमी के संग ही प्रदेश भर के कलाकारों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि हम चैरी चैरा काण्ड का भी शताब्दी वर्ष मनाते हुए आजादी के मतवालों को याद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बलिदानियों के योगदान को हम कलाकृतियों के माध्यम से भी बताकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं। साथ ही सामाजिक जागरूकता और आध्यात्मिक चेतना जगा सकते हैं। महापौर ने कलाकारों के कार्य और आयोजन की सराहना की।
अतिथियों व कलाकारों का अकादमी सचिव डा.यशवंत सिंह राठौर ने गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आयोजनों के क्रम में चार को चैरी-चैरा पर मूर्तिशिल्प और पांच को म्यूरल चित्रांकन शिविर आयोजित हो चुका है। आज से प्रारम्भ चित्रकार शिविर में डा.मनीषा दोहरे व ममता बंसल आगरा, दुर्जन सिंह राणा बुलंदशहर, राजकुमार सिंह कानपुर के संग लखनऊ की डा.रचना गुप्ता, अंजू पाण्डेय, पालोमी विश्वास, पुष्पा सिंह, श्रद्धा सक्सेना व राजीवकुमार रावत भाग ले रहे हैं। इससे पूर्व मिशन शक्ति के अंतर्गत आयोजित नवदुर्गा नौ छवियाँ विषयक कला प्रतियोगिता में प्राप्त 42 मूलकृतियों से नौ उत्कृष्ट कलाकृतियों के कलाकारों को पुरस्कार स्वरूप् नौ हजार रुपये की राशि व प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। पुरस्कार प्राप्त करने वालों में सुश्री कृति शर्मा गाजीपुर, डा.कुमुद बाला कानपुर, कु.नेहा लखनऊ, श्रीमती शिखा पाण्डेय लखनऊ, श्रीमती शिमोना अग्रवाल, श्रीमती शालिनी सिंह लखनऊ, डाॅ.सारिका बाला कानपुर, सुश्री साफिया पैकर अलीगढ़, डाॅ.सुरभि त्रिपाठी शामिल हैं।
इसके साथ ही पिछले वर्ष 22 अक्टूबर को आयोजित वर्तमान में महिला व बालिका सशक्तिकरण तथा विकास प्रतियोगिता हेतु प्राप्त 70 प्रविष्टियों में से समस्त कलाकृतियों का अवलोकन करने के पश्चात् 32 कलाकारों की कृतियों को प्रदर्शनी के लिए चयन किया गया था। इनमें पांच कलाकारों कु.अम्बिका जायसवाल लखनऊ, श्रीमती भावना सक्सेना आगरा, सुश्री लीना कुमारी आगरा, सुश्री प्राची श्रीवास्तव गोरखपुर और श्रीमती रचना बागची उधमसिंह नगर को आज ढाई हजार रुपये की पुरस्कार राशि व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
छतर मंजिल परिसर में दोनों प्रतियोगिताओं की पुरस्कृत कृतियों के साथ ही अयोध्या, कानपुर, बरेली, सहारनपुर, आगरा, झांसी, वाराणसी, प्रयागराज, बस्ती और राजधानी लखनऊ की संस्थाओं द्वारा कृतियों की प्रदर्शनी आयोजित की गई। 10 फरवरी तक चलने वाली इन प्रदर्शनियों में अनेक कृतियां बिक्री के लिए भी उपलब्ध हैं। शाम को यहां पुतुल नाटिका के संग ही लोक संगीत के मनोहारी कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। लाल बारादरी भवन की दीर्घा में प्रदर्शनी फरवरी मध्य तक चलेगी। महोत्सव में आज बड़ी संख्या में कलाकार और कलाप्रेमी उपस्थित थे।