पाकिस्तान। श्रीलंका (2022 Sri Lankan protests) की तरह पाकिस्तान में भी अंधेरा छाने का खतरा मंडराने लगा है। यहां भी कोयले की भारी किल्लत देखने को मिल रही है। बताया जा रहा है के पाकिस्तान में घरों और फैक्ट्रीज को दी जाने वाली बिजली में भारी कटौती की जा रही है क्योंकि श्रीलंका की ही तरह पाकिस्तान भी फॉरेन करेंसी की किल्लत से जूझ रहा है। आलम ये है कि पाकिस्तान दूसरे देशों से कोयला या नेचुरल गैस खरीदने के हालात में भी नहीं है। पाकिस्तान में हो रही बिजली की भारी किल्लत की वजह से यहां के पावर प्लांट के ऑपरेशन्स भी प्रभावित हो रहे हैं।
बीते लगभग दो माह से चल रहे रूस और यूक्रेन के बीच जंग की वजह से सप्लाई बाधित होने के चलते लिक्विफाइड नेचुरल गैस और कोयला के दाम पिछले महीने रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गए। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कीमतों में हुई इसी बढ़ोतरी के कारण दक्षिण एशियाई देश को स्पॉट मार्केट से ईंधन खरीदने में काफी दिक्कतें आ रही हैं (2022 Sri Lankan protests)
पाकिस्तान के नवनियुक्त वित्त मंत्री मिफताह इस्माइल के ट्विटर पोस्ट से पता चल रहा है कि बीते 13 अप्रैल तक देश में ईंधन की भारी कमी की वजह से 3,500 मेगावॉट की बिजली पैदा करने वाले संयंत्र बंद थे। उन्होंने कहा कि तकनीकी गड़बड़ियों के कारण से इसी क्षमता के संयंत्र भी ऑफलाइन हैं। कराची में आरिफ हबीब लिमिटेड में हेड ऑफ रिसर्च ताहिर अब्बास के की मानें तो 7,000 मेगावॉट देश की कुल बिजली उत्पादन क्षमता के करीब 25 फीसदी के आसपास है। (2022 Sri Lankan protests)
बिजली की भारी किल्लत से पाकिस्तान की सत्ता संभालने वाले प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की चुनौतियां और बढ़ गई हैं। देश से पहले ही आर्थिक चुनौतियों से घिरा हुआ है।प्रधानमंत्री को अभी देश का नया एनर्जी मिनिस्टर नियुक्त करना है। बता दें कि पाकिस्तान अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए मुख्य रूप से इम्पोर्ट पर निर्भर है। ऐसे में ईंधन की बढ़ती कीमतों का असर इस मुल्क पर बखूबी देखने को मिल रहा है। (2022 Sri Lankan protests)
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