उत्तराखंड में अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर आज एक साल पूरा हो चुका है। इस मौके पर राजधानी देहरादून, श्रीनगर, पौड़ी, हल्द्वानी समेत तमाम शहरों में लोगों ने अंकिता भंडारी के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए सड़कों पर उतरे और विरोध प्रदर्शन किया। वहीं राजधानी देहरादून में सोमवार शाम को परेड ग्राउंड से घंटाघर तक कैंडल मार्च निकाला गया। इस कैंडल मार्च में हजारों लोग शामिल हुए।
परेड ग्राउंड से करीब एक किलोमीटर घंटाघर तक निकाले गए इस कैंडल मार्च में महिलाएं, पुरुष और तमाम युवाओं के हाथों में 'अंकिता भंडारी के हत्यारों को फांसी दो', 'अंकिता को न्याय दो', 'वीआईपी का नाम बताओ अंकिता को न्याय दिलाओ' जैसे नारे लगाए गए। मशाल जुलूस को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस तैनात रही।
1 साल बाद भी अंकिता भंडारी को न्याय न मिलने पर कैंडल जुलूस में लोगों ने धामी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। जुलूस के दौरान अंकिता को न्याय न मिलने पर लोगों का धामी सरकार के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा देखा गया। इस मौके पर लोगों ने कहा कि अंकिता हत्याकांड में सीबीआई से जांच करानी चाहिए। अंकिता भंडारी केस में सामाजिक कार्यकर्ता आशुतोष नेगी कातिलों को सजा दिलाने के लिए एक साल से लगातार अदालत में पैरवी कर रहे हैं।
देहरादून में निकाले गए कैंडल जुलूस में आशुतोष नेगी ने नेतृत्व किया। घंटाघर में अंकिता भंडारी की मां भी कैंडल जुलूस में शामिल हुई। इस मौके पर उन्होंने बताया कि मेरी बेटी को एक साल बाद भी न्याय नहीं मिल सका है। उन्होंने धामी सरकार से अपील की कातिलों को जल्द सजा दें ।
बता दें कि 18 सितंबर 2022 को अंकिता भंडारी की वंतरा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य और उसके दोस्तों ने हत्या कर दी थी हत्या के बाद मामले को खूब दबाने की कोशिश भी की गई लेकिन मामला खुलने के बाद पुलकित आर्य और उसके दो साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
पुलकित आर्य भाजपा के नेता विनोद आर्य का बेटा है इसलिए इस मामले को राजनीतिक तौर पर दबाने की कोशिश की जा रही थी वही मामला शुरुआत में राजस्व पुलिस के हाथ में था जिसको शुरू से खूब दबाने की कोशिश की गई लेकिन जैसे ही मामला रेगुलर पुलिस के हाथ में आया उसके तुरंत बाद पुलकित आर्य और उसके दोनों साथियों सौरभ और अंकित की गिरफ्तारी कर ली गई थी वहीं इस मामले में किसी बड़े वीआईपी का नाम भी सामने आता रहा लेकिन आज तक उस नाम का खुलासा नहीं हो पाया।