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11 करोड़ का विशालकाय भैंसा बना आकर्षण का केंद्र, इसे देखने के लिए लोगों की उमड़ी भीड़, खासियत देखकर रह जाएंगे हैरान

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(पुष्कर मेला)

एक दिन पहले शुक्रवार को छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मतदान पूरा हो गया है।मध्यप्रदेश विधानसभा की 230 और छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण की 70 सीटों पर वोटिंग हुई। एमपी में 76.22% वोटिंग हुई, वहीं छत्तीसगढ़ में 70.12% वोट डाले गए। अब राजस्थान और तेलंगाना में वोट डाले जाएंगे। राजस्थान में इसी महीने 25 नवंबर और तेलंगाना में 30 नवंबर को मतदान होगा। आज हम बात करेंगे राजस्थान विधानसभा चुनाव के साथ साथ पुष्कर मेले की। 

राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस नेताओं की ताबड़तोड़ चुनावी रैलियां हो रही हैं। चुनाव के बीच राज्य की धार्मिक नगरी पुष्कर भी सुर्खियों में है। अजमेर से करीब 80 किलोमीटर दूरी पर स्थित पुष्कर ब्रह्मा जी के मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। इसके साथ यहां गुलाब की खेती भी होती है। वहीं पुष्कर में हर साल दीपावली के बाद अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला भी लगता है। यह मेला ऊंट, भैंस, भैंसा और घोड़ा के लिए भी जाना जाता है। यहां पर एक से एक बढ़कर पशु बिकने के लिए आते हैं। 

भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के तमाम देशों से यहां पर व्यापारी और आम लोग भी पुष्कर मेला देखने आते हैं। पुष्कर मेला आज से शुरू हो चुका है। 10 दिन चलने वाले इस मेले में भारी भीड़ रहती है। वहीं इस बार राजस्थान के पुष्कर मेले में भैंसा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस भैंसे की कीमत 11 करोड रुपए है। अनमोल नाम के इस भैंसे की देखरेख पर हर महीने ढाई से तीन लाख रुपए खर्च होते हैं। 5.8 फीट ऊंचे मुर्रा नस्ल के अनमोल का वजन 1570 किलो है। इसके मालिक ने बताया कि 8 साल के अनमोल के ब्रीडिंग के जरिए अब तक 150 बच्चे हो चुके हैं। इसे रोजाना 1 किलो घी, 5 लीटर दूध, 1 किलो काजू-बादाम भी खिलाए जाते हैं।  इसे देखकर पशुपालकों के साथ-साथ सैलानी भी हैरान है। इस भारी-भरकम शरीर के भैंसे को देखने के लिए भीड़ उमड़ रही है। मेले में आए कई पशुपालक भी भैंसे को देखने के लिए पहुंच रहे हैं। 

भैंसे के मालिक हरविंदर सिंह ने बताया कि भैंसे को प्रतिदिन केला, फल ,15 लीटर दूध, एक किलो काजू-बादाम आदि खिलाया जाता है। मालिक पुत्र हरविंदर की माने तो मेले में आने से पहले उन्हें इस भैंस का तीन करोड़ रुपए का ऑफर मिल चुका है लेकिन वे इसे बेचना नहीं चाहते हैं। भैंसे के मालिक ने कहा कि वे मेले में भी भैंसे को बेचने के लिए नहीं बल्कि मुर्रा नस्ल के संरक्षण व संवर्धन के उद्देश्य से केवल प्रदर्शन करने के लिए लाए हैं। हरविंदर के पिता जगतार सिंह ने बताया कि इससे पहले वे गत वर्ष पहली बार हरियाणा के झज्जर पशु प्रदर्शनी मेले में लेकर आए थे। बता दें कि इंटरनेशनल पुष्‍कर मेला 2023 इस बार 18 नवंबर से शुरू हो रहा है, जो 27 नवंबर तक चलेगा। इस दौरान कई सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रतियोगिताएं होंगी। विधानसभा चुनाव 2023 के चलते 24 और 25 नवंबर को कोई आयोजन नहीं होगा।

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