नई दिल्ली।। आवास वित्त कंपनी HDFC लिमिटेड का HDFC बैंक में विलय आज (शनिवार) से प्रभावी हो गया है। दोनों कंपनियों के निदेशक मंडलों ने इस मर्जर पर अपनी स्वीकृति शुक्रवार को दी थी। इस विलय के बाद HDFC का अस्तित्व समाप्त हो गया है। इसी के साथ HDFC दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बैंक बन गया है।
विलय के बाद HDFC बैंक अब बाजार मूल्य के हिसाब से जेपी मार्गन, आईसीबीसी और बैंक ऑफ अमेरिका के बाद दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बैंक बन गया है। यह मर्जर देश के कॉरपोरेट जगत का सबसे बड़ा सौदा है, जिसका आकार लगभग 40 अरब डॉलर का है। इसकी कुल संपत्ति 18 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। इस विलय के बाद बैंक की सभी ब्रांच में HDFC लिमिटेड की सेवा मिलेगी।
अब HDFC बैंक की ब्रांच में लोन, बैंकिंग समेत अन्य सभी सर्विसेज मुहैया होगी। विलय लागू होने के साथ ही HDFC बैंक की ग्राहक संख्या 12 करोड़ हो गई है, जो जर्मनी की जनसंख्या से अधिक है। मर्जर से बैंक का ब्रांच नेटवर्क 8,300 से अधिक तक बढ़ गया। इसके साथ ही कुल बैंक के कर्मचारियों की संख्या 1,77,000 से अधिक हो जाएगी।
उल्लेखनीय है कि विलय के बाद HDFC के शेयर की डी-लिस्टिंग 13 जुलाई से प्रभावी हो जाएगी। संयुक्त कंपनी के शेयर 17 जुलाई से ट्रेड होंगे। इस सौदे के तहत HDFC के प्रत्येक शेयरधारक को 25 शेयरों के बदले HDFC बैंक के 42 शेयर मिलेंगे। मार्केट कैप के लिहाज से यह रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी। HDFC देश की पहली हाउसिंग फाइनेंस कंपनी थी। इसकी स्थापना 44 साल पहले हसमुखभाई पारेख ने की थी।