देहरादून। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code-UCC) का ड्राफ्ट तय करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ कमेटी के कार्यकाल में अभी बढ़ोतरी की जानी तय है। बता दें कि कमेटी द्वारा रिपोर्ट सौंपने की तय समय सीमा में अब कुछ दिन का ही समय बचा है। लेकिन कमेटी अब तक नागरिक कानून के लिए तय कुछ ही षयों पर ही काम कर पाई है। ऐसे में अभी वह रिपोर्ट सौंपने की स्थिति में नहीं है।
इधर जनता के बीच से आए हजारों की संख्या में सुझावों ने भी कमेटी के काम से इजाफा कर दिया है। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने गत 27 मई को जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित की थी और छह महीने में रिपोर्ट देने को कहा था। इस समय सीमा के लिहाज से कमेटी का शुरुआती पांच महीने का समय निकल गया है लेकिन अभी कमेटी इस मुद्दे पर ज्यादा कमा नहीं कर पाई है।
दरअसल, सरकार ने कमेटी को विवाह, तलाक, सम्पत्ति का अधिकार, उत्तराधिकार, विरासत, गोद, रख रखाव और संरक्षता विषयों पर खासकर गौर करने का निर्देश दिया है लेकिन अब तक कमेटी कुछ विषयों पर ही काम कर पाई है। इससे पहले कमेटी ने 23 अक्तूबर तक लोगों से इस विषय पर अपनी राय देने को कहा था, जिसमें एक लाख से अधिक सुझाव आ चुके है।
हालांकि इसमें अधिकतर लोगों ने विषय पर ठोस बात रखने के बजाय पक्ष – विपक्ष में समर्थन या विरोध ही किया है, लेकिन कमेटी के एक सदस्य का कहना है कि इसके बावजूद प्रत्येक की राय को दर्ज तो किया ही जाना है। साथ ही कमेटी अभी जिलों में जाकर भी लोगों से संवाद पूरा नहीं कर पाई है।