former MP Bal Kumar को पुलिस ने हिरासत में लिया, धोखाधड़ी के मामले में भेजे गए जेल

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बांदा 18 अगस्त। डाकू ददुआ के भाई सपा नेता और पूर्व सांसद बालकुमार पटेल को न्यायिक मजिस्ट्रेट गरिमा सिंह ने कड़ा रुख अपनाते हुए शुक्रवार को धोखाधड़ी के मामले में जेल भेज दिया। न्यायालय में हाजिर न होने के कारण इनके खिलाफ एमपी एमएलए कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी हुआ था। पूर्व सांसद ने जेल जाने से बचने के लिए हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी अर्जी डाली थी लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। आज न्यायालय में हाजिर होने पर उन्हें जेल भेज दिया गया।

विशेष लोक अभियोजक अंबिका व्यास ने बताया कि शहर कोतवाली के स्वराज कॉलोनी निवासी रमाकांत द्विवेदी ने पूर्व सांसद बालकुमार पटेल और बर्खास्त लेखपाल भानू प्रताप चतुर्वेदी के खिलाफ 56 लाख की धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। मौरंग खननकार्य में शामिल किए जाने के नाम पर रकम ली गई थी, जो लौटाई नहीं। इस मामले में आरोपपत्र न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय की ओर से बालकुमार पटेल और भानू प्रताप को सम्मन भेजा गया। लेकिन दोनों आरोपित अदालत में हाजिर नहीं हुए। अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए दोनों के खिलाफ बिना जमानती वारंट जारी किया। साथ ही पुलिस के आलाधिकारियों को गिरफ्तारी के आदेश दिए थे। पुलिस अब तक गिरफ्तार कर अदालत में पेश नहीं कर पाई।

इधर, बालकुमार पटेल ने राहत के लिए पहले हाईकोर्ट अर्जी डाली। जहां से अर्जी खारिज कर दी गई। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी। उच्चतम न्यायालय से भी राहत नहीं मिली। एक अगस्त को सुप्रीम कोर्ट से अर्जी खारिज हो गई थी। इस दौरान एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई बाधित रही। सुप्रीम कोर्ट से अर्जी खारिज होने के बाद गुरुवार को मामले की सुनवाई हुई। न्यायिक मजिस्ट्रेट गरिमा सिंह ने कड़ा रुख अपनाते हुए पूर्व सांसद बाल कुमार पटेल और बर्खास्त लेखपाल के विरूद्ध बिना जमानती वारंट जारी किया। पुलिस अधिकारियों को आदेशित किया कि 18 अगस्त तक न्यायालय में उपस्थित करें। बालकुमार पटेल आज न्यायालय में हाजिर हुए और अंतरिम जमानत की अर्जी डाली।जिसे न्यायिक मजिस्ट्रेट ने खारिज कर दिया तब उनकी ओर से एमपी एमएलए कोर्ट में अर्जी डाली गई। जिसे सेशन जज गुणेन्द्र प्रकाश ने खारिज कर दिया।

अधिवक्ता अशोक त्रिपाठी जीतू ने बताया आज न्यायालय में हाजिर होने के बाद बालकुमार पटेल की ओर से अंतिम जमानत की अर्जी डाली गई जिसका हमारी ओर से विरोध किया गया। फल स्वरुप एमपी एमएलए कोर्ट ने उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया । मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी।

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