इंडोनेशिया के बाली में G20 शिखर सम्मेलन बुधवार को समाप्त हो गया। अंतिम दिन भारत को G20 समूह के नए अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गयी। हिंदुस्तान लौटने से पहले पीएम मोदी ने शिखर सम्मेलन में भाग लेने आए राष्ट्राध्यक्षों को नायाब तोहफे दिए। अगले वर्ष भारत में होने वाले G20 शिखर सम्मेलन में आने का न्योता देकर भारतीय पीएम मोदी बाली से दिल्ली के लिए रवाना हुए।
इस बड़े कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने G20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने आए नेताओं को भारतीय पहचान के अलग-अलग तोहफे दिये। इन सभी नेताओं को उन्होंने आगामी वर्ष भारत में होने वाले G20 शिखर सम्मेलन में आने का न्योता भी दिया। G20 समूह के निवर्तमान अध्यक्ष इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो को मोदी ने सूरत में बना चांदी का कटोरा और हिमाचल प्रदेश का किन्नौरी शॉल उपहार में दिया।
पीएम मोदी ने यूके के पीएम ऋषि सुनक को ‘माता नी पछेड़ी’ का तोहफा दिया। यह गुजरात का एक हस्तनिर्मित कपड़ा है और मंदिर के मंदिरों में चढ़ाया जाता है, जिसमें देवी मां रहती हैं। यह नाम गुजराती है, जिसमें ‘माता’ का अर्थ है ‘मां देवी’, ‘नी’ का अर्थ है ‘से संबंधित’ और ‘पछेड़ी’ का अर्थ है ‘पृष्ठभूमि’।
पीएम मोदी ने यूएस प्रेसिडेंट बाइडन को कांगड़ा की लघु पेंटिंग उपहार में दी। कांगड़ा लघु चित्रों में प्राकृतिक पृष्ठभूमि पर प्रेम का चित्रण किया जाता है। ये अति सुंदर पेंटिंग हिमाचल प्रदेश के चित्रकारों द्वारा प्राकृतिक रंगों का उपयोग करके बनाई गई हैं।
ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज को भारतीय पीएम ने ‘पिथौरा’ भेंट किया। ‘पिथौरा’ निर्माण गुजरात में छोटा उदयपुर के राठवा कारीगरों द्वारा एक अनुष्ठानिक जनजातीय लोक कला है। ये चित्र ऑस्ट्रेलिया के स्वदेशी समुदायों द्वारा बनाई जाने वाली एबोरिजिनल डॉट पेंटिंग की तरह लगते हैं।
इटली की पीएम जियोर्जिया मेलोनी को मोदी ने ‘पाटन पटोला दुपट्टा’ (स्कार्फ) तोहफे में दिया। उत्तरी गुजरात के पाटन क्षेत्र में साल्वी परिवार द्वारा बुना गया (डबल इकत) पाटन पटोला कपड़ा इतनी अच्छी तरह से तैयार किया जाता है कि यह रंगों का त्योहार बन जाता है, जिसमें आगे और पीछे रंग अलग-अलग नहीं होते हैं।
भारतीय पीएम ने स्पेन के पीएम पेड्रो सांचेज को मंडी और कुल्लू का कनाल ब्रास सेट उपहार में दिया। इन पारंपरिक संगीत वाद्ययंत्रों का अब तेजी से सजावट की वस्तुओं के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इनका निर्माण कुशल धातु शिल्पकारों द्वारा हिमाचल प्रदेश के मंडी और कुल्लू जिले में किया जाता है।