वाशिंगटन। अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ग्रहण करने के अपने पहले संबोधन में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका का स्वर्ण युग अब शुरू हुआ है। अमेरिका फर्स्ट की नीति के साथ वो फिर से देश को आगे लेकर जाएंगे। उन्होंने कहा कि वो सभी को साथ लेकर चलने को तत्पर हैं। साथ ही उन्होंने दक्षिणी सीमा पर नेशनल इमरजेंसी की भी घोषणा की।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने शपथ ग्रहण के बाद पहला बड़ा फैसला लेते हुए देश के दक्षिणी सीमा पर नेशनल इमरजेंसी की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि मेक्सिको बॉर्डर पर दीवार बनाई जाएगी। संगठित अपराध के खिलाफ आज से ही काम शुरू होगा। उन्होंने कहा कि घुसपैठ रोकने के लिए जरूरत पड़ी तो वहां सेना को भी भेजा जाएगा। ट्रंप ने कहा कि अवैध प्रवासियों को वहीं छोड़कर आएंगे जहां से वो आए हैं।
अपनी सरकार की प्राथमिकता को बताते हुए ट्रंप ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता घुसपैठ को रोकना है ताकि देश की जनता सुरक्षित महसूस करे। दूसरी प्राथमिकता महंगाई पर रोक लगाना है ताकि लोगों को जरूरी सामानों के लिए अतिरिक्त बोझ न पड़े।
ट्रंप ने घोषित की 'नेशनल एनर्जी इमरजेंसी'
ट्रंप ने कहा, 'अत्यधिक खर्च और ऊर्जा की बढ़ती कीमतों के कारण महंगाई का संकट पैदा हुआ और इसीलिए आज मैं नेशनल एनर्जी इमरजेंसी की भी घोषणा करता हूं।'
लॉस एंजिल्स में आग की विभिषिका पर ट्रंप ने कहा, 'हमारे पास एक पब्लिक हेल्थ सिस्टम है जो आपदा के समय काम नहीं करता है। फिर भी दुनिया के किसी भी देश की तुलना में इसपर अधिक पैसा खर्च किया जाता है। हम ऐसा नहीं होने दे सकते। हमारे पास एक ऐसी शिक्षा प्रणाली है जो हमारे बच्चों को कई मामलों में खुद पर शर्म करना और हमारे देश से नफरत करना सिखाती है। यह सब आज से ही बदल जाएगा।'
ट्रंप की चाह- दुनिया उन्हें शान्ति दूत के तौर पर जाने
ट्रंप ने कहा, मैं देशों को जोड़ने की कोशिश करूंगा। शांति स्थापित करना मेरी प्राथमिकता है। विरोधियों के खिलाफ बदले की कार्रवाई नहीं होगी। सैनिकों के अधिकार बढ़ाए जाएंगे। मैं युद्ध रोकने की कोशिश करूंगा। साथ ही उन्होंने कहा कि दूसरे देशों की जंग में अब अमेरिका की सेना नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि दुनिया उन्हें शांति दूत के तौर पर जाने।
चीन को चुनौती
चीन को चुनौती देते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि पनामा कैनाल से चीन का आधिपत्य खत्म करेंगे। पनामा कैनाल को वापस लेंगे। वहीं भविष्य की बात करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका जल्द मंगल ग्रह पर अंतरिक्ष यात्री भेजेगा और दुनिया के सामने नई मिशाल पेश करेगा।
'हमारी प्राथमिकता देश को गौरवान्वित, समृद्ध और स्वतंत्र बनाना'
अपने भाषण के शुरुआत में ट्रंप ने कहा, अमेरिका का स्वर्ण युग अब शुरू हुआ है। अमेरिका फर्स्ट की नीति के साथ वो फिर से देश को आगे लेकर जाएंगे। हम अपनी संप्रभुता बनाए रखेंगे। दुनिया हमारा इस्तेमाल नहीं कर सकेगी। अमेरिका में अब घुसपैठ नहीं होगा। उन्होंने कहा, 'हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता एक ऐसा राष्ट्र बनाना होगा जो गौरवान्वित, समृद्ध और स्वतंत्र हो।'
दूसरे देशों पर टैक्स और टैरिफ बढ़ाएंगे
ट्रंप ने अमेरिका को संबोधित करते हुए कहा कि दूसरे देशों पर टैक्स और टैरिफ बढ़ाएंगे। हम देश की कानून व्यवस्था को पटरी पर लाएंगे। अमेरिका के लोगों को बोलने की स्वतंत्रता होगी। अमेरिका के दुश्मनों को हराकर रहेंगे। उन्होंने अमेरिका में ड्रग तस्करों को आतंकी घोषित करने का भी ऐलान किया। कहा सेना भी अपने मिशन के लिए आजाद रहेगी।
ट्रंप ने अमेरिका को लेकर अपनी नीतियों का भी खाका देश और दुनिया के सामने रखा। उन्होंने कहा कि अमेरिका फिर से मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा। अमेरिका से तेल और गैस का निर्यात बढ़ेगा।
साथ ही पूर्ववर्ती सरकार को निशाने पर लेते हुए ट्रंप ने कहा कि बाइडेन ने समाज का ताना-बाना तोड़ा। वो ग्लोबल इंवेंट्स को हैंडल नहीं कर पाए। बाइडेन के राज में अपराधियों को शरण मिली और सीमाओं की सुरक्षा पर वो कुछ नहीं कर सके।
वहीं, अपने संघर्षों को याद करते हुए ट्रम्प ने कहा कि लोगों ने मुझे बदलाव के लिए चुना है। आठ साल से मुझे चैलेंज किया जा रहा था। मेरी हत्या करने की कोशिश की गई। अब अमेरिका में तेजी से बदलाव आएगा।
इससे पहले, डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में सोमवार रात शपथ ली। उनसे पहले पहले जेडी वेंस ने उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। वाशिंगटन डीसी के यूएस कैपिटल बिल्डिंग में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने दोनों की शपथ दिलाई। वहीं, शपथ ग्रहण समारोह में फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग, अमेजॉन के फाउंडर जेफ बेजोस और एलन मस्क आदि कई दिग्गज शामिल रहे।