हरिद्वार। हरिद्वार धार्मिक नगरी होने के साथ ही एक बड़ा टूरिस्ट प्लेस भी है। खासकर दिल्ली एनसीआर के लोगों के लिए ये वीकेंड गेटवे के तौर पर मशहूर है। यही वजह है कि हरिद्वार में होटलों की भी भरमार है लेकिन हरिद्वार विजिट के दौरान इन होटलों में रुकने से पहले आपको कुछ बातों को जान लेना भी जरूरी हैं। यहां स्थित अधिकतर होटल सरकारी मानकों को पूरा नहीं करते हैं।
हरिद्वार में बड़ी संख्या में होटल बिना रजिस्ट्रेशन और अग्नि शमन विभाग की एनओसी के चलाये जा रहे हैं जो न सिर्फ सरकारी राजस्व को घाटा पहुंचा रहे हैं बल्कि सुरक्षा के लिए लिहाज से भी खतरनाक है। हरिद्वार में साल भर लाखों की संख्या में श्रद्धालु और टूरिस्ट आते हैं। वे यहां स्थित हजारों छोटे बड़े होटल और धर्मशाला में ठहरते हैं।
नियम के अनुसार सभी होटलों का पर्यटन विभाग में रजिस्ट्रेशन होना आवश्यक है लेकिन हरिद्वार के पर्यटन विभाग में कुल संख्या के एक चौथाई होटल भी रजिस्टर्ड नहीं है। पर्यटन अधिकारी खुद इस बात को स्वीकार करते हैं कि यहां मानकों को दरकिनार कर कई लोग होटल का कारोबार कर रहे हैं।
होटलों में आग लगने की घटना न हो और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए फायर फाइटिंग की व्यवस्था भी होटल्स में की जाए इसके लिए अग्निशमन विभाग की से भी एनओसी लेनी पड़ती है लेकिन यहां स्थित हजारों होटलों में से महज 60 होटलों ने फायर डिपार्टमेंट से एनओसी प्राप्त की है।