बहुत से लोग नहीं जानते Shirdi Sai Baba के बारे में ये बातें, क्या आप भी उसमे हैं शामिल
Shirdi Sai Baba के बारे में बहुत सी ऐसी बातें है जो शायद आप भी नहीं जानते होंगे. बता दें कि साईं बाबा को एक योगी, संत और फकीर के तौर पर दुनिया में जाना जाता है.
शिरडी के साईं बाबा (Shirdi Sai Baba) के बारे में बहुत सी ऐसी बातें है जो शायद आप भी नहीं जानते होंगे. बता दें कि साईं बाबा को एक योगी, संत और फकीर के तौर पर दुनिया में जाना जाता है.
वहीं साईं बाबा (Shirdi Sai Baba) का जन्म कब हुआ था, इसके लेकर किसी तरह की कोई पुष्टी नहीं है लेकिन मान्यताओं के मुताबिक हर साल बाबा का जन्मोत्सव मनाया जाता है.
मान्यता है कि महाराष्ट्र के पथरी में साईं बाबा (Shirdi Sai Baba) का जन्म हुआ था और लोग बाबा को भगवान का अवतार मानते हैं. 16 साल की उम्र में साईं बाबा शिरडी पहुंचे थे और कई सालों तक वहां तप किया था.
साईं बाबा चमत्कारी थे और उनके चमत्कारों की वजह से लोगों ने उन्हें संत का दर्जा दिया. इन्हीं चमत्कारों के कारण साईं बाबा से लोग जुड़ने लगे और उनके भक्त बनते गए. भक्तों का बाबा पर आज भी अटूट विश्वास देखा जाता है.
ऐसे पड़ा साईं नाम
माना जाता है कि शिरडी (Shirdi Sai Baba) में रहने के बाद साईं कुछ समय के लिए वहां से अचानक से चले गए थे. जब दोबारा कुछ सालों के बाद साईं शिरडी वापस आए तो एक मंदिर के पुजारी ने साईं को देखते ही कहा ‘आओ साईं’. इसके बाद से ही शिरडी का फकीर ‘साईं बाबा’ कहलाने लगा.
बाबा के चमत्कार
मान्यता है कि साईं बाबा (Shirdi Sai Baba) ने अपने जीवन में कई चमत्कार दिखाए. लोगों के बीच इन चमत्कारों ने साईं को भगवान का अवतार बना दिया. शिरडी आने के बाद साईं जिस नीम के पेड़ के नीचे विश्राम करने के लिए बैठे थे, उसी जगह को आज शिरड़ी साईं धाम में गुरु स्थान के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि इस नीम के पेड़ की पत्ती अब काफी मीठी हो गई हैं लेकिन साईं के दफ्न होने से पहले इसकी पत्तियां काफी कड़वी थी.