Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पहाड़ों की रानी मसूरी ने इस बार बग्वाली पर्व की रंगीनियों से खूब रौनक बिखेरी। डिबसा पूजन से शुरू हुआ आयोजन होलियात की खिलखिलाहट और अखरोट की भिरूड़ी की बरसात के साथ और भी शानदार बन गया। परंपराओं से भरे इस उत्सव में महिलाओं और पुरुषों के बीच हुई रस्साकसी सबसे बड़ा आकर्षण रही, जिसमें महिलाओं ने शानदार जीत दर्ज की।
अगलाड़ यमुना घाटी विकास मंच द्वारा कैम्पटी रोड स्थित पुराने चकराता टोल पर आयोजित इस बूढ़ी दीपावली उत्सव में जौनपुर, जौनसार और रवाईं घाटी के लोगों के साथ स्थानीय निवासी और बड़ी संख्या में पर्यटक भी शामिल हुए। सभी ने मिलकर इस सांस्कृतिक पर्व की गर्माहट को महसूस किया।
कार्यक्रम की शुरुआत पंडित सुमन नौटियाल द्वारा विधिवत डिबसा पूजन से हुई। इसके बाद परंपरागत होलियात खेली गई। तांदी, रासौ, जंगूबाजी और सराईं नृत्य की मोहक प्रस्तुतियों ने माहौल को उत्साह से भर दिया। जैसे ही नर्तक–नर्तकियां मंच पर उतरे, उनके ऊपर से अखरोट की भिरूड़ी उड़ाई गई, जिसे लोग खुशकिस्मती का प्रतीक और बग्वाल का प्रसाद मानकर ग्रहण करते रहे।
स्थानीय संस्कृति से भरपूर इस पर्व में नगर पालिकाध्यक्ष मीरा सकलानी, भाजपा नेत्री नेहा जोशी, पालिका सभाषद गौरी थपलियाल, शिवानी भारती सहित कई जनप्रतिनिधि और गणमान्य अतिथि मौजूद रहे। पर्यटकों ने भी पारंपरिक नृत्यों में शामिल होकर पहाड़ी संस्कृति का अलग ही आनंद उठाया।
मसूरी के इस पारंपरिक पर्व ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सांस्कृतिक विरासत जब पर्वों में खिलती है तो उसकी खुशबू पहाड़ों से निकलकर दूर-दूर तक फैल जाती है।




