Nayak बनकर उभरे राकेश टिकैत, कई किसानों के आंदोलनों में 40 बार जा चुके हैं जेल
राकेश टिकैत को किसान राजनीति विरासत में मिली है। उनके पिता महेंद्र सिंह टिकैत देश के प्रभावशाली किसान नेता थे। उनकी गर्जना पर दिल्ली और लखनऊ की सरकारें हिल जाती थी।
लखनऊ। इन दिनों मीडिया और सोशल मीडिया में किसान नेता राकेश टिकैत की चर्चा सबसे अधिक हो रही है। विगत कुछ दिनों से वह देश में किसानों के नायक (Nayak) बनकर उभरे हैं। गुरुवार की शाम उनकी एक अश्रुपूरित भावुक अपील पर लाखों किसान फिर से आंदोलित हो उठे हैं। केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा। यही नहीं विपक्षी पार्टियों के नेताओं में राकेश टिकैत से नजदीकियां दिखाने की होड़ लगी है।
उल्लेखनीय है कि राकेश टिकैत को किसान राजनीति विरासत में मिली है। उनके पिता महेंद्र सिंह टिकैत देश के प्रभावशाली किसान नेता थे। उनकी गर्जना पर दिल्ली और लखनऊ की सरकारें हिल जाती थी। महेंद्र सिंह टिकैत ने काफी लंबे समय तक भारतीय किसान यूनियन का नेतृत्व किया। उनके नेतृत्व में कई निर्णायक किसान आंदोलन हुए। इसके अलावा पश्चिमी यूपी खासतौर पर जाट विरादरी के भी वह मुखिया (Nayak) थे।
इन दिनों राकेश टिकैत अपने पिता महेंद्र सिंह टिकैत के रास्ते पर अग्रसर हैं। कल शाम उन्होंने समाप्तप्राय किसान आंदोलन को पुनः प्रज्वलित कर दिया। मुजफ्फरनगर में उनके समर्थन में आयोजित पंचायत में लाखों लोगों शामिल हुए। राकेश टिकैत के समर्थन में हरियाणा के गावों में रात में पंचायतें हुई और हजारों किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए दौड़ पड़े। (Nayak)
राकेश टिकैत पिछले दो दशकों से किसानों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पश्चिमी यूपी के गन्ना किसानों का आंदोलन हो या फिर किसानों के दूसरे मसले, राकेश टिकैत मजबूती के साथ सभी आंदोलन में आगे खड़े दिखाई देते रहे हैं। शासन-प्रशासन या सांसद-विधायक सभी के साथ बेबाकी से बात करने की उनकी शैली ने किसानों के बीच उन्हें प्रसिद्धि दिलाई। विभिन्न किसान आंदोलन के चलते वो करीब 40 बार जेल जा चुके हैं। (Nayak)