Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रुड़की और उत्तर प्रदेश सरकार ने देश का पहला बड़े स्तर का किसान कार्बन क्रेडिट मॉडल शुरू किया है। इस पहल का सबसे बड़ा फायदा यह है कि किसान अब अपनी टिकाऊ खेती की प्रथाओं के बदले सीधे आय कमा सकेंगे। कार्बन क्रेडिट को वैज्ञानिक तौर पर मापा, सत्यापित किया जाएगा और उसकी बिक्री से मिलने वाली राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर होगी।
इस कार्यक्रम में एक डिजिटल प्रणाली—DMRV (Monitoring, Reporting and Verification)—का इस्तेमाल होगा, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित है। खेतों में न्यूनतम जुताई, कवर क्रॉपिंग, अवशेष प्रबंधन, कृषि-वनीकरण और उन्नत बायो-फर्टिलाइजर जैसी तकनीकों से मृदा कार्बन बढ़ेगा और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम होगा। इन सभी बदलावों को वैज्ञानिक तरीके से रिकॉर्ड कर कार्बन क्रेडिट में बदला जाएगा।
IIT रुड़की के निदेशक प्रो. केके पंत के अनुसार यह कार्यक्रम किसानों को जलवायु संरक्षण की दिशा में सक्रिय भागीदारी देता है और उनकी टिकाऊ खेती को अतिरिक्त आय में बदलता है। उनका कहना है कि संस्थान वैज्ञानिक प्रक्रिया और जमीनी स्तर पर लागू होने वाली जरूरतों को मिलाकर किसानों को नए आर्थिक अवसर उपलब्ध कराना चाहता है।
प्रधान अन्वेषक प्रो. ए.एस. मौर्य ने बताया कि यह पूरा ढांचा बेहद सटीक तरीके से बनाया गया है, जिसमें मिट्टी में जमा होने वाले हर टन कार्बन को मापा और आय में बदला जाएगा। यह मॉडल केवल कार्बन क्रेडिट तक सीमित नहीं है, बल्कि मिट्टी का स्वास्थ्य सुधारने, खेती की लागत घटाने और लाखों किसानों को नई कमाई का जरिया देने का काम भी करेगा।
यूपी सरकार के कृषि विभाग के प्रमुख सचिव रविंद्र के मुताबिक, इस साझेदारी से किसानों को समय के साथ टिकाऊ प्रथाओं का सीधा लाभ मिलेगा और भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं को मजबूत समर्थन मिलेगा।
कार्यक्रम की शुरुआत सहारनपुर मंडल से की जा रही है। यह क्षेत्र बड़े पैमाने पर कार्बन क्रेडिट उत्पन्न करने की क्षमता रखता है। IIT रुड़की किसानों, कार्बन मार्केट और अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के बीच आवश्यक संपर्क स्थापित करेगा, ताकि किसान अपने क्रेडिट की बेहतर कीमत पा सकें।
साथ ही उद्योगों को उच्च गुणवत्ता वाले, वैज्ञानिक रूप से सत्यापित कार्बन क्रेडिट उपलब्ध होंगे, जिससे नेट-जीरो लक्ष्यों को पूरा करने और ग्रामीण आजीविका को मजबूती देने में मदद मिलेगी।




