![img](https://prabhatvaibhav.com/wp-content/uploads/2022/04/Western-Railway.png)
मुंबई। कई बार छोटी-छोटी बातों पर गौर करने से बड़े सकारात्मक परिवर्तन लाये जा सकते हैं। पश्चिम रेलवे और खासकर मुंबई उपनगरीय रेलवे प्रशासन के नजरिए में एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण बदलाव लाने में मुंबई की ये 12 साल की बच्ची सफल रही है। इस बच्ची का नामा हुमैरा है।
एक खबर के मुताबिक मुंबई के अंधेरी उपनगर की रहने वाली कक्षा आठवीं की ये बच्ची पिछले दिनों अपने परिजन के साथ लोकल ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर खड़ी ट्रेन का इंतजार कर रही थी तभी उसकी नजर लोकल ट्रेन के दूसरी श्रेणी के डिब्बे पर पड़ी। उस कोच पर रोमन अंक में सेकंड क्लास (II) लिखा था। वहीं प्रथम श्रेणी के कोच पर हिंदी, मराठी, अंग्रेजी व रोमन नंबर में भी फर्स्ट क्लास लिखा था।
यह देखकर बच्ची के मन में सवाल पैदा हुआ कि किसी अनपढ़ इंसान को कैसे समझ में आएगा कि ये दूसरी श्रेणी का डिब्बा है। यह सवाल उसने अपने परिजनों से किया। इसके बाद उसके पिता ने अपने एक मित्र से इस बात की चर्चा की। यह मित्र रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य थे। इस सवाल को सुनकर उन्होंने रेलवे के उच्चाधिकारियों से पर विचार विमर्श किया।
इसके बाद मध्य व पश्चिम रेलवे ने दूसरी श्रेणी के कोच पर भी हिंदी के साथ-साथ अन्य भाषाओं में द्वितीय श्रेणी कोच नंबर लिखना शुरू किया। बता दें कि 12 साल की हुमैरा अंधेरी के हंसराज मोरारजी पब्लिक स्कूल की स्टूडेंट हैं। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने बताया कि हम सकारात्मक सुझावों पर अमल के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं, ताकि सुधार होते रहें। गौरतलब है कि उपनगरी ट्रेनें मुंबई की लाइफ लाइन मानी जाती हैं। इनमें हर रोज लाखों लोग सफर करते हैं। हुमैरा का यह छोटा लेकिन अहम सुझाव लोगों को परेशान होने से बचाएगा।