
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर तनाव चरम पर है। इस गंभीर स्थिति के बीच, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ, आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद असीम मलिक और दो अन्य वरिष्ठ जनरलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान जाने के लिए वीजा का अनुरोध किया, जिसे तालिबान सरकार ने स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया है। वीजा देने से इनकार करने का मुख्य कारण हाल ही में पाकिस्तान द्वारा पक्तिका प्रांत में नागरिक क्षेत्रों पर हवाई हमले और हवाई क्षेत्र का उल्लंघन है। तालिबान इसके जरिए कड़ा संदेश दे रहा है कि वह अब पाकिस्तान से उसकी शर्तों पर ही बात करेगा। इस बीच, दोनों देशों की सेनाएं सीमा पर भारी नुकसान का दावा कर रही हैं और चीन ने इस तनाव को कम करने के लिए संयम बरतने का आग्रह किया है।
तालिबान ने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को वीज़ा देने से किया इनकार
पाकिस्तान और तालिबान शासित अफ़ग़ानिस्तान के बीच संबंधों में खटास आ गई है। टोलो न्यूज़ की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक उच्च-स्तरीय पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल अफ़ग़ानिस्तान का दौरा करना चाहता था, जिसमें रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ, आईएसआई महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद असीम मलिक और दो वरिष्ठ पाकिस्तानी जनरल शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने इस यात्रा के लिए तीन अलग-अलग वीज़ा आवेदन प्रस्तुत किए, जिन्हें अफ़ग़ान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने साफ़ तौर पर अस्वीकार कर दिया।
तालिबान ने वीज़ा न दिए जाने का मुख्य कारण अफ़ग़ानिस्तान के पक्तिका प्रांत में नागरिक इलाकों पर पाकिस्तान के हवाई हमले और हवाई क्षेत्र के उल्लंघन को बताया है। एक तालिबान अधिकारी ने कड़े शब्दों में कहा कि जब उसके नागरिक हमले की चपेट में हैं, तो कोई भी पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल अफ़ग़ानिस्तान की यात्रा की उम्मीद नहीं कर सकता। तालिबान इस कदम के ज़रिए पाकिस्तान को साफ़ संदेश दे रहा है कि वह सिर्फ़ अपनी शर्तों पर ही बातचीत करने को तैयार है।
सीमा पर तनाव और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर ख़ान मुत्तकी ने कहा कि तालिबान ने पाकिस्तानी हमले का जवाब दिया है और अपने मंसूबे पूरे कर लिए हैं। हालाँकि, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), क़तर और सऊदी अरब जैसे मित्र देशों के अनुरोध पर युद्धविराम पर सहमति बनी है।
इस बीच, दोनों पक्ष सीमा पर हुई झड़पों में भारी नुकसान का दावा कर रहे हैं। पाकिस्तानी सेना ने दावा किया है कि झड़पों में उसके कम से कम 23 सैनिक मारे गए, जबकि 200 से ज़्यादा तालिबान से जुड़े आतंकवादी मारे गए। जवाब में, तालिबान सरकार के मुख्य प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने दावा किया कि 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और लगभग 30 घायल हुए।
क्षेत्र में बिगड़ते हालात को देखते हुए चीन ने दोनों देशों से संयम बरतने और शांति बनाए रखने का आग्रह किया है। चीन ने कहा कि दोनों देशों को बातचीत और परामर्श के ज़रिए आपसी मुद्दों को सुलझाना चाहिए, संघर्ष को बढ़ने से रोकना चाहिए और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखनी चाहिए।