Prabhat Vaibhav,Digital Desk : प्रयागराज माघ मेला 2026 इस बार और भी भव्य और विस्तृत रूप में आयोजित होने जा रहा है। महाकुंभ 2025 के बाद होने वाले इस मेले में खाक चौक, आचार्यबाड़ा और दंडी स्वामी नगर को पहले की तुलना में बड़े क्षेत्रफल में बसाने की तैयारी चल रही है।
जहाँ कुंभ और महाकुंभ में अखाड़ों की झलक देखने को मिलती है, वहीं माघ मेला में खाक चौक के संत और दंडी स्वामी ही इस पवित्र आयोजन का केंद्र बिंदु होते हैं।
संतों के शिविर होंगे मुख्य आकर्षण
इस बार माघ मेला के प्रमुख आकर्षण होंगे संतों के भव्य शिविर, जिनमें अखाड़ों के महामंडलेश्वरों से लेकर कई बड़े संतों के आने की संभावना है।
खाक चौक, आचार्य नगर और दंडी स्वामी नगर को बड़े क्षेत्रफल में बसाने के साथ ही उनकी सुविधाएँ भी पहले से बेहतर की जाएँगी।
खास बात यह है कि इस बार गंगा जी ने भी ज्यादा क्षेत्र दिया है, जिससे मेला क्षेत्र का विस्तार आसान हो गया है।
नौ हेक्टेयर में बसाया जाएगा मेला
मेला प्रशासन के अनुसार, इस बार लगभग 9 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि में माघ मेला बसाने की तैयारी है।
वर्ष 2024 में मेला 730 हेक्टेयर में आयोजित हुआ था, लेकिन 2026 के आयोजन में इसका विस्तार और बड़ा होगा।
संतों की संख्या में बढ़ोतरी
महाकुंभ के बाद खाक चौक के संतों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
पिछले मेले में जहाँ लगभग 12,000 संत आए थे, इस बार करीब 2,000 और संतों के आने की उम्मीद है।
इन संतों के साथ हजारों श्रद्धालु भी कल्पवास और स्नान के लिए प्रयागराज पहुँचेंगे।
भजन, प्रवचन और संत सम्मेलन होंगे आकर्षण
संतों के बड़े-बड़े पंडालों में इस बार भी भजन-कीर्तन, प्रवचन, भंडारा और धार्मिक गोष्ठियाँ आयोजित की जाएँगी।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संत सम्मेलन भी इस आयोजन का अहम हिस्सा होंगे।
संत और श्रद्धालु मिलकर पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, वसंत पंचमी और माघी पूर्णिमा जैसे प्रमुख स्नान पर्वों पर आस्था की डुबकी लगाएंगे।
देशभर से आएंगे संत और श्रद्धालु
प्रयागराज माघ मेला में केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि वाराणसी, बुंदेलखंड, उत्तराखंड, पंजाब, मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात और राजस्थान से भी संत और भक्त आते हैं।
कल्पवास के इन पवित्र दिनों में वे तप, ध्यान और साधना में लीन रहते हैं।




