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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : इस साल दिवाली छह दिनों तक मनाई जाएगी, जिसकी शुरुआत 19 अक्टूबर को धनतेरस से होगी। इस दौरान काली चौदस, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भैयाबीज जैसे त्योहार मनाए जाएँगे। हर दिन विशेष ग्रहों की युति भी होगी, जो इस त्योहार के महत्व को और बढ़ा देगी। धनतेरस पर सोना, चाँदी और बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है, जो धन और समृद्धि का प्रतीक है। 

त्रिग्रही संयोजन ब्रह्म योग

दिवाली 2025: प्रकाश पर्व दिवाली 18 अक्टूबर को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि से शुरू होगी। त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर को दोपहर 1:22 बजे शुरू होगी और 19 अक्टूबर को दोपहर 1:55 बजे तक रहेगी। धनतेरस शनिवार को मनाई जाएगी। शनि प्रदोष के साथ ही सूर्य, बुध और मंगल तुला राशि में गोचर करेंगे। ब्रह्म योग भी रहेगा।

21 को अमावस्या, 22 को गोवर्धन पूजा

 समुद्र मंथन से देवी लक्ष्मी कलश लेकर प्रकट हुई थीं। धनतेरस के दिन धन-समृद्धि में वृद्धि की कामना से इसके प्रतीक स्वरूप सोना, चांदी, बर्तन, वाहन और भौतिक सुख-सुविधाओं की खरीदारी करनी चाहिए। गोवर्धन पूजा पहले दिवाली के अगले दिन होती थी, लेकिन इस बार अमावस्या दिवाली के अगले दिन पड़ेगी। इस कारण गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर को होगी। इसी दिन महावीर स्वामी का निर्वाण दिवस भी मनाया जाएगा, जबकि गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर को होगी।

कब क्या मनाया जाएगा?

-18 अक्टूबर को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि शाम 6:31 बजे तक है। शाम 6:32 बजे से त्रयोदशी तिथि प्रारंभ हो जाएगी। प्रदोष व्रत भी इसी से जुड़ा है। शाम को दीपदान किया जाता है। इसी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा। मुख्य द्वार पर चार दीपक जलाने से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है। इस दिन देवी लक्ष्मी, गणेश, कुबेर और इंद्र की पूजा करने का विधान है।

19 अक्टूबर को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि दोपहर 1:55 बजे से शुरू होगी। यह दिन काली माता और हनुमानजी को समर्पित है। जो बुराई का नाश कर अच्छाई का संचार करते हैं।

- दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी और लक्ष्मी पूजा इसी शाम को होगी।  

  • सोमवार, 20 अक्टूबर, 2025:
  • सूर्यास्त: लगभग 5:42 अपराह्न (आईएसटी),
  • प्रदोष काल प्रारंभ: शाम 5:42 बजे

अमावस्या तिथि प्रारंभ: दोपहर 3:45 बजे

-22 अक्टूबर को कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शाम 6:18 बजे तक रहेगी। इस तिथि पर गोवर्धन पूजा की जाएगी। गाय के गोबर का पर्वत बनाकर उसकी पूजा करने से धन, समृद्धि और लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

-23 अक्टूबर को कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भैया बिज पर्व मनाया जाएगा। बहनें अपने भाइयों के लिए आशीर्वाद लेंगी और उनकी लंबी उम्र की कामना करेंगी। इस दिन यमराज के दूत चित्रगुप्त, कलम और शाही की पूजा की जाती है। इस दिन भाई अपनी बहन के घर जाता है, बहन उन्हें तिलक करती है, रक्षा सूत्र बाँधती है और भोजन कराती है। भाई अपनी बहन को उपहार देता है।

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