तालिबान सरकार में ‘अफगानिस्तान की आधी जनसंख्या एक वक्त की रोटी के लिए तरस रही हैं। यहां की 95 प्रतिशत जनसंख्या के पास खाने के लिए पर्याप्त भोजन ही नहीं है। अफगानिस्तान में पांच से कम आयु के 10 लाख से ज्यादा बच्चे गंभीर कुपोषण का शिकार हो चुके हैं।’ यह अनुमान यूएन के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम का है।
मानवाधिकार के विशेषज्ञ के अनुसार 15 अगस्त 2021 से ही अफगानी लोगों का जीवन नर्क जैसा हो गया है। ये मुल्क दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकट का सामना कर रहा है। लोग भुखमरी का शिकार हो रहे हैं।
अन्य कई रिपोर्ट्स में बताया गया है कि स्थिति इस कदर खराब हैं कि महिलाएं अपने भूखे बच्चों को नींद की गोली खिलाकर सुलाने को मजबूर हैं ताकि वह खाना न मांगे।