Supreme Court ने Unnatural Relationship को लेकर दिया सख्त आदेश, पति जबरन पत्नी के साथ बनाता था संबंध

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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक बार जबरन अप्राकृतिक संबंध (Unnatural Relationship) बनाने के एक मामले में महत्वपूर्ण आदेश दिया है. आपको बता दें कि सोमवार को देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा कि पति का पत्नी के साथ जबरन अप्राकृतिक संबंध स्थापित करना एक जघन्य अपराध है, वहीँ खासतौर से जब यह पत्नी की आत्महत्या का कारण बना हो।

Supreme Court - Unnatural Relationship

बता दें कि यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उस व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया जो दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और रेप के आरोपों में दो साल से ज्यादा समय से हिरासत में है। साल 2019 में हरियाणा के भिवानी जिले में पीड़िता के भाई ने आईपीसी की धाराओं 148, 149, 323, 377 और 306 के तहत सदर थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई थी। (Unnatural Relationship)

जबरन अप्राकृतिक संबंध (Unnatural Relationship) स्थापित कर प्रताड़ित किया

गौरतलब है क़ी चीफ जस्टिस (Supreme Court) एनवी रमन और जस्टिस सूर्य कांत और हिमा कोहली की बेंच ने पीड़िता के पति प्रदीप को जमानत देने से इनकार कर दिया, जिसने पत्नी के परिवारवालों के दहेज की मांग पूरी न करने पर कथित तौर पर उसके साथ जबरन अप्राकृतिक संबंध (Unnatural Relationship) स्थापित कर उसे प्रताड़ित किया। सीजेआई की अगुआई वाली बेंच ने कहा कि सेक्शन 377 (रेप) एक बहुत ही गंभीर अपराध है और आरोपी पति जांच जारी रहने के समय किसी प्रकार की उदारता का पात्र नहीं है।

वहीँ बेंच (Supreme Court) ने कहा, ‘हम नहीं जानते कि पुलिस क्या कर रही है। आपने दहेज मांगना शुरू किया। जब उसके (पत्नी) घरवाले पूरा नहीं कर सके, तो पति ने उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। उसकी निजी तस्वीरों और वीडियो को सोशल मीडिया पर डाल दिया और उसे (पत्नी को) ब्लैकमेल करने की कोशिश की गई। सबसे गंभीर यह है कि पति ने कथित तौर पर पत्नी के साथ अप्राकृतिक रूप से संबंध (Unnatural Relationship) बनाया और बाद में पीड़िता ने आत्महत्या कर ली। ऐसे में पति किसी भी तरह की दया का पात्र नहीं है क्योंकि यह एक जघन्य अपराध है।’

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