देहरादून। राज्य की भाजपा सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले राज्य कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों के नियमित व पूर्णकालिक कर्मचारियों, कार्य प्रभारित कर्मचारियों व यूजीसी वेतनमानों में कार्यरत पदधारकों, जिन्हें सातवां पुनरीक्षित वेतनमान अनुमन्य किया गया है, को 01 जनवरी, 2024 से बढ़ी हुई दर पर महंगाई भत्ते का भुगतान करने का निर्णय लिया है।
वित्त विभाग के शासनादेश द्वारा राज्य सरकार के सरकारी सेवकों, जिन्हें सातवां पुनरीक्षित वेतनमान अनुमन्य है, को 01 जुलाई 2023 से 46 फीसदी की दर से प्रतिमाह महंगाई भत्ता अनुमन्य किया गया है।
भारत सरकार के पत्र संख्या-1/1/2024-ई-11 (बी) 12 मार्च 2024 के क्रम में राज्य कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों के नियमित व पूर्णकालिक कर्मचारियों, कार्य प्रभारित कर्मचारियों व यूजीसी वेतनमानों में कार्यरत पदधारकों, जिन्हें सातवां पुनरीक्षित वेतनमान अनुमन्य किया गया है, को पूर्व निर्धारित शर्तों एवं प्रतिबन्धों के अधीन 01 जनवरी, 2024 से मूल वेतन में अनुमन्य महंगाई भत्ते की वर्तमान दर 46 फीसदी को बढ़ाकर 50 प्रतिशत प्रतिमाह किया गया है।
वित्त विभाग के सचिव दिलीप जावलकर की ओर से जारी आदेश के अनुसार उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष, सदस्यों तथा सार्वजनिक उपक्रम आदि के कार्मिकों पर स्वतः लागू नहीं होंगे। उनके सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों की ओर से अलग से आदेश निर्गत किया जाना अपेक्षित होगा।
वित्त विभाग की ओर से गुरुवार को जारी आदेश के अनुसार कार्मिकों को 01 जनवरी 2024 से 29 फरवरी 2024 तक के पुनरीक्षित मंहगाई भत्ते के अवशेष (एरियर) का भुगतान नकद किया जायेगा। 01 मार्च 2024 से मंहगाई भत्ते का भुगतान नियमित रूप से वेतन के साथ किया जायेगा। अंशदायी पेंशन योजना से आच्छादित कार्मिकों के पेंशन अंशदान तथा उतनी ही धनराशि नियोक्ता के अंश के साथ नई पेंशन योजना से सम्बन्धित खाते में जमा की जाएगी और शेष धनराशि नगद भुगतान की जाएगी। उक्त वर्णित शर्तों व पूर्व में वर्णित शर्तों-प्रतिबन्धों के अधीन उपरोक्तानुसार स्वीकृत महंगाई भत्ता उत्तराखण्ड राज्य के अधीन कार्यरत् अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को भी अनुमन्य होगा।