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देहरादून। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर सोशल मीडिया पर भ्रामक और तथ्यविहीन जानकारी फैलाई जाने पर गृह विभाग ने सख्त चेतावनी दी है। साथ ही, आम जनता से अनुरोध किया गया है कि वे केवल आधिकारिक स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर ही विश्वास करें और किसी भी तरह की अफवाह फैलाने से बचें।
उत्तराखंड गृह विभाग की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों पर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के कुछ प्रावधानों को लेकर कुछ व्यक्तियों की भ्रामक और गलत जानकारी फैलाई जा रही है, जिसमें कहा जा रहा है कि उत्तराखंड में यूसीसी विवाह पंजीकरण कराने से बाहरी लोगों को राज्य का निवास प्रमाणपत्र (डोमिसाइल) मिल जाएगा। यह गलत और भ्रामक तथ्य है। यूसीसी के तहत विवाह या अन्य पंजीकरण का राज्य के निवास प्रमाणपत्र (डोमिसाइल) से कोई संबंध नहीं है और न ही किसी व्यक्ति को विवाह या अन्य पंजीकरण के आधार पर उत्तराखंड का निवास प्रमाणपत्र प्रदान किये जाने का समान नागरिक संहिता में कोई प्रावधान है।
यूसीसी को लेकर अफवाह फैलाना, भ्रामक या झूठी जानकारी प्रसारित करना एक कानूनन अपराध है, ऐसा कोई व्यक्ति या समूह जो भ्रामक सूचना प्रचारित/प्रसारित करेगा उसके विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 353 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यदि किसी को यूसीसी से संबंधित किसी भी प्रावधान पर संदेह या स्पष्टीकरण की आवश्यकता हो, तो वे गृह विभाग, उत्तराखंड सरकार से आधिकारिक माध्यमों पर संपर्क कर सकते हैं।