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देश में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के चलते हजारों लोगों को अपने जान गंवानी पड़ी। वायरस इतनी तेजी से फैला कि पहली बार देश में प्रतिदिन 4 लाख के करीब मामले दर्ज किए जाने लगे। अस्पतालों में दवाइयों, मेडिकल ऑक्सीजन और बेड की कमी की वजह से हाहाकार मच गया था। महामारी के इस प्रकोप की वजह अब कोरोना वायरस के खतरनाक डेल्टा वेरिएंट को बताया जा रहा है। जीनोम सीक्वेंसिंग की सरकारी प्रयोगशालाओं के एक संघ ने दावा किया है कि भारत में कोविड की दूसरी लहर की वजह डेल्टा वेरिएंट था।
द इंडियन सार्स सीओवी2 जीनोमिक कंसोर्टियम (INSACOG) के मुताबिक कोरोना के खतरनाक स्वरूप डेल्टा वेरिएंट ने दूसरी लहर के दौरान संवेदिनशील आबादी को अपनी चपेट में लिया। इस बीच टीके का प्रभाव कम होना भी संक्रमण की रफ्तार बढ़ाने का कारण बना। 16 अगस्त को जारी किए गए एक बुलेटिन में INSACOG की ओर से कहा गया कि कोविड वैक्सीन ने कोरोना वायरस के मरीजों को गंभीर रूप से बीमार पड़ने और मौत होने से बचाया। महामारी के खिलाफ लड़ाई में टीकाकरण और स्वास्थ्य उपाय बेहद जरूरी है।
सरकारी संघ ने आगे कहा कि भारत में कोरोना वायरस के मामलों में ज्यादातर केस डेल्टा वेरिएंट के थे। अभी भी देश में इस खतरनाक वेरिएंट के 61 नए मरीजों का पता चला है। इस समय भारत के लिए डेल्टा वेरिएंट चिंता की वजह है। भारत में संक्रमण के मामलों के लिए डेल्टा स्वरूप, संवेदनशील आबादी, संक्रमण रोकने में टीके का प्रभाव कम होना और संक्रमण के अवसर को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। वर्तमान में कोरोना मामलों की बात करें तो शुक्रवार (20 अगस्त) को कोरोना वायरस के 36,571 नए केस सामने आए हैं। देश में फिलहाल कोरोना एक्टिव केसों की संख्या 3,63,605 है। जो पिछले 150 दिनों में सबसे कम कोविड-19 के केस हैं।