(पंचतत्व में विलीन)
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बैकुंठ धाम श्मशान घाट में गुरुवार शाम को सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत रॉय का अंतिम संस्कार किया गया। सुब्रत रॉय के अंतिम संस्कार में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, पूर्व सांसद राज बब्बर, कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी शामिल थे। अंतिम यात्रा में सहारा के कर्मचारी भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे और उनके पार्थिव शरीर को प्रणाम कर विदाई दी। अंतिम यात्रा सहारा शहर से चलकर लखनऊ स्थित बैकुंठ धाम पहुंची। जिसमें हजारों दोस्त, शुभचिंतक और कर्मचारी मौजूद थे।
सुब्रत रॉय के 16 वर्षीय पोते हिमांक रॉय ने मुखाग्नि दी। क्योंकि उनके बेटे सुशांतो और सीमांतो विदेश में रहते हैं और दाह संस्कार के लिए समय पर भारत वापस नहीं आ सके। उनके न आने का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है। सुब्रत की पत्नी स्वप्ना रॉय और दोनो बेटे सीमांतो और सुशांतो मेसेडोनिया में रहते हैं। सेबी और अन्य वित्तीय एजेंसियों की नजर उनके बेटों पर हैं इसलिए उनके दोनों बेटे भारत नहीं आए। सुब्रत की पत्नी अपने पोते के साथ भारत आईं और उन्हें मुखाग्नि दी। सुब्रत की पत्नी और उनके दोनों बेटों के पास मेसेडोनिया की नागरिकता है। इससे पहले सुब्रत रॉय के अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को सहारा शहर में रखा गया था।
बता दें कि बुधवार शाम पांच बजे वाहन से सहारा प्रमुख सुब्रत राय का शव सहारा शहर पहुंचा था। देर रात तक राजनीतिक और फिल्मी हस्तियां उनके अंतिम दर्शन करने पहुंच रहीं थीं। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, मंत्री नितिन अग्रवाल, पूर्व मुख्यमंत्री व सपा प्रमुख अखिलेश यादव, सांसद नरेश अग्रवाल, सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम, पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव, प्रमोद तिवारी, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर, कांग्रेस विधान मंडल की नेता आराधना मिश्र, पूर्व मंत्री अम्मार रिजवी, मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, गायक सोनू निगम समेत अन्य अन्य हस्तियां भी श्रद्धांजलि देने पहुंची थीं।
बता दें कि सुब्रत रॉय का मंगलवार को मुंबई के एक निजी अस्पताल में निधन हुआ था। वे 75 साल के थे। रॉय काफी दिनों से गंभीर रूप से बीमार थे और उनका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। सुब्रत के परिवार में पत्नी स्वप्ना रॉय और दो बेटे सुशांतो रॉय और सीमांतो रॉय हैं। बता दें कि पटना हाईकोर्ट में सहारा इंडिया के खिलाफ निवेशकों के पैसे लौटाने को लेकर एक मामला चल रहा था। लोगों ने सहारा की कई कंपनियों में निवेश किया था। मामले में पटना हाईकोर्ट के गिरफ्तारी के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। गौरतलब है कि ऐसा ही एक मामला सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा था। इस पर वह जमानत पर बाहर थे।
मामले में सहारा इंडिया ने दावा किया था कि उन्होंने सारा पैसा सेबी के पास जमा करा दिया है। इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उन्हें अरेस्ट किया गया था। वे 2 साल तक दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद रहे। हालांकि स्वास्थ्य कारणों के चलते कोर्ट ने उन्हें पैरोल पर रिहा कर दिया था। वहीं दूसरी ओर सुब्रत रॉय की मृत्यु के बाद भी सेबी इस ग्रुप के खिलाफ केस जारी रखेगा। सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सेबी के लिए यह मामला एक यूनिट के मैनेजमेंट से जुड़ा है और यह जारी रहेगा। चाहे कोई व्यक्ति जीवित हो या नहीं।