India News Live,Digital Desk : बिहार में एक ऐसा मंदिर है जहाँ रक्तहीन बलि चढ़ाई जाती है। माता रानी का यह मंदिर रहस्यों से भरा है। देवी चावल और फूलों के साथ बकरे की बलि स्वीकार करती हैं।
यह मंदिर बिहार के कैमूर जिले में स्थित माता मुंडेश्वरी का मंदिर है, जहाँ रक्तहीन बकरे की बलि चढ़ाई जाती है।
माता मुंडेश्वरी मंदिर कहाँ स्थित है?
मुंडेश्वरी मंदिर में प्रतिदिन बड़ी संख्या में भक्त देवी का आशीर्वाद लेने आते हैं। यह मंदिर कैमूर जिले के भगवानपुर प्रखंड में पवारा पहाड़ी पर स्थित है, जहाँ देवी मुंडेश्वरी विराजमान हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस मंदिर की स्थापना 635 ईसा पूर्व में हुई थी। इसके निर्माण की सही तिथि का कहीं उल्लेख नहीं है।
यह मंदिर अहिंसक बलिदान का स्थान है
। मुंडेश्वरी मंदिर के पूर्वी गर्भगृह में वराह रूप में देवी मुंडेश्वरी की मूर्ति स्थापित है। मंदिर के मध्य में भगवान शिव की चतुर्मुखी मूर्ति स्थापित है। स्थानीय लोगों के अनुसार, इस मूर्ति का रंग दिन में दो से तीन बार बदलता है।
इस मंदिर में अहिंसक बकरे की बलि दी जाती है, अर्थात यह बिना रक्तपात के की जाती है। भक्त मन्नत के रूप में बकरे लाते हैं। मंदिर के पुजारी मंत्रोच्चार के साथ, चावल और फूलों से बकरे को बेहोश करके अहिंसक बलि देते हैं। इस मंदिर में देवी को शुद्ध घी में पका हुआ तंदुला यानी चावल का भोग लगाया जाता है। देश-विदेश से भक्त इस मंदिर में देवी मुंडेश्वरी के दर्शन के लिए आते हैं। 525 सीढ़ियाँ चढ़कर मंदिर तक पहुँचा जा सकता है।




