
अयोध्या, 10 अप्रैल।। सरकार ने अयोध्या को प्रदूषण मुक्त और पर्यावरण अनुकूल शहर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। केंद्र सरकार की नवकरणीय ऊर्जा आधारित हरित परिवहन नीति से प्रेरित होकर योगी सरकार ने अयोध्या में ई-वाहनों को बढ़ावा देने की योजना पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। इस पहल के तहत अयोध्या में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बुनियादी ढांचे का विस्तार किया जा रहा है, जिससे न केवल पारंपरिक ईंधन पर निर्भरता कम होगी, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
अयोध्या परिवहन निगम के एआरएम आदित्य प्रकाश ने बताया कि अयोध्या रोडवेज परिसर में करीब 55 लाख रुपये की लागत से एक आधुनिक इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन स्थापित किया गया है। इस चार्जिंग स्टेशन की मशीन की क्षमता 250 केवी है और यह एक घंटे में वाहन को पूरी तरह चार्ज करने में सक्षम है। इसी माह के अंत तक चार्जिंग सेवा शुरू हो जाएगी।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य धार्मिक पर्यटन स्थल अयोध्या में स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल परिवहन व्यवस्था को बढ़ावा देना है। अयोध्या, जो भगवान श्रीराम की जन्मभूमि के रूप में विश्व प्रसिद्ध है, हर साल करोड़ों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है। बढ़ते पर्यटन के साथ ही वाहनों से होने वाला प्रदूषण भी एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा था। इस समस्या से निपटने के लिए योगी सरकार ने हरित परिवहन को प्राथमिकता दी है।
प्रदेश के अन्य धार्मिक स्थलों पर भी है लगाने की योजना
अधिकारियों का कहना है कि यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण में योगदान देगी, बल्कि अयोध्या की छवि को एक आधुनिक और स्वच्छ शहर के रूप में भी मजबूत करेगी। इसकी सफलता के आधार पर प्रदेश के अन्य धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर भी इसी तरह की सुविधाएं शुरू की जाएंगी। चार्जिंग स्टेशन की स्थापना से स्थानीय बस ऑपरेटरों और निजी वाहन मालिकों को ई-वाहनों की ओर प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार की योजना है कि आने वाले वर्षों में अयोध्या में चलने वाली अधिकांश सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को इलेक्ट्रिक वाहनों पर आधारित किया जाए। इसके लिए सब्सिडी और अन्य प्रोत्साहन योजनाओं पर भी विचार किया जा रहा है।
वायु व ध्वनि प्रदूषण होगा कम
पर्यावरण विशेषज्ञों ने इस कदम की सराहना की है। विशेषज्ञों का मानना है कि पारंपरिक ईंधन से चलने वाले वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहन वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण को कम करने में प्रभावी साबित होंगे। साथ ही यह कदम भारत सरकार के 2030 तक स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी सहायक होगा। अयोध्या में इस परियोजना की शुरुआत को एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है, जो अन्य शहरों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है।
अयोध्या के विकास में साबित होगा मील का पत्थर
स्थानीय लोगों का भी मानना है कि यह पहल अयोध्या के विकास में मील का पत्थर साबित होगी। एक स्थानीय निवासी राम प्रसाद ने कहा की यह न सिर्फ पर्यावरण के लिए अच्छा है, बल्कि इससे अयोध्या आने वाले पर्यटकों को भी बेहतर अनुभव मिलेगा। सरकार का अगला कदम ई-रिक्शा और ई-बसों की संख्या बढ़ाने पर केंद्रित है, ताकि शहर के भीतर परिवहन पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त हो सके।
अयोध्या धाम का भी भेजा इस्टीमेट
क्षेत्रीय प्रबंधक परिवहन निगम विमल राजन ने बताया कि चार्जिंग स्टेशन स्थापित कर दिया गया है। आने वाले दिनों में अयोध्या धाम बस अड्डे पर भी ईवी चार्जिंग स्टेशन का प्रस्ताव है। इस्टीमेट शासन को भेजा जा चुका है।
इनसेट: चार्जिंग स्टेशन की खासियतें
लागत: 55 लाख रुपये
क्षमता: 250 केवी,चार्जिंग समय: 1 घंटा,स्थान: अयोध्या रोडवेज परिसर ,उद्देश्य: ई-वाहनों को प्रोत्साहन, प्रदूषण में कमी।