
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तराखंड के पर्यटन की जान कहे जाने वाले रामनगर में प्रशासन ने अतिक्रमण और अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्ती बढ़ा दी है। लगातार जारी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के तहत, रामनगर के तीन प्रमुख रिसॉर्ट्स के भीतर बने तीन अवैध मजारों को प्रशासनिक टीम ने गुरुवार को हटा दिया। यह कार्रवाई स्थानीय रिसॉर्ट मालिकों के अनुरोध पर हुई, जिसने मामले को और भी चर्चा का विषय बना दिया है। लगभग चार से पांच घंटे तक चली मजारों के ध्वस्तीकरण की इस अभियान ने क्षेत्र में हलचल मचा दी है।
रिसॉर्ट्स के 'अंदर' दिखी अवैध मजारें, 8 पर कसा शिकंजा!
रामनगर क्षेत्र में प्रशासन द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ जारी सक्रियता के परिणामस्वरूप, अब तक कुल आठ अवैध मजारों को ध्वस्त किया जा चुका है। हालिया कार्रवाई पिछले दिनों रेलवे की जमीन पर बनी अवैध मजार को हटाए जाने के बाद हुई है। इसके बाद, ढेला और ढिकुली जैसे इलाकों में स्थित तीन रिसॉर्ट्स के अंदर भी ऐसी ही मजारों के होने की खबरें सामने आई थीं। प्रशासन ने तत्काल इन अवैध निर्माणों के संबंध में जानकारी जुटाई और सबूत इकट्ठा किए। इंटरनेट मीडिया पर भी रिसॉर्ट्स के भीतर मजारें होने की खबरों ने जमकर सुर्खियां बटोरी थीं।
एसडीएम के नेतृत्व में 'मिशन क्लीन': रिसॉर्ट मालिकों की 'हाथ' थामकर कार्रवाई!
एसडीएम प्रमोद कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसने पुलिस और प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में इस कार्रवाई को अंजाम दिया। सबसे पहले, शनिवार को ढेला स्थित दो रिसॉर्ट्स और ढिकुली स्थित एक रिसॉर्ट में पहुंचकर, प्रशासन ने मजारों को हटाने की कार्रवाई शुरू की। एसडीएम प्रमोद कुमार ने स्पष्ट किया कि ढेला के अशोक टाइगर ट्रेल, कार्बेट व्यू रिसॉर्ट और ढिकुली के ला पर्ल रिसॉर्ट में ये मजारें स्थित थीं। उन्होंने बताया कि रिसॉर्ट संचालकों से बातचीत करने पर, मजारों को हटाने के लिए उनका पूरा सहयोग मिला। असल में, रिसॉर्ट मालिकों ने स्वयं प्रशासन से अनुरोध किया था कि उनकी जमीन पर बनी इन मजारों को हटाया जाए, ताकि वे पर्यटन पर किसी भी तरह के नकारात्मक प्रभाव से बच सकें और अपने परिसर को विकसित कर सकें।
'विशेष' थीं ये मजारें: क्यों नहीं आ रहे थे बाहरी लोग?
अधिकारियों ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि हटाए गए इन मजारों में किसी भी बाहरी व्यक्ति का आना-जाना नहीं था। ये पूरी तरह से रिसॉर्ट परिसरों के भीतर ही निजी तौर पर निर्मित थीं, जिसका कोई सार्वजनिक उपयोग नहीं हो रहा था। ऐसे में, जब रिसॉर्ट मालिकों ने खुद अपनी संपत्ति को व्यवस्थित करने के लिए प्रशासन से मदद मांगी, तो प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए नियमों के अनुरूप काम किया। इस कार्रवाई के दौरान कोतवाली के एसएसआई मो. यूनुस, गिरिजा पुलिस चौकी इंचार्ज गगनदीप, पीरूमदारा पुलिस चौकी इंचार्ज सुनील धानिक पुलिस बल के साथ मौजूद थे, और सुरक्षा व कानून-व्यवस्था को बनाए रखा।