img

Prabhat Vaibhav,Digital Desk : रत्न केवल फैशन का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि इनका हमारे भाग्य और ग्रहों से गहरा संबंध है। सही रत्न का चयन और उसका सही उपयोग व्यक्ति के जीवन में चमत्कारी बदलाव ला सकता है। कहा जाता है कि कुछ रत्न सुख, समृद्धि और सफलता की गारंटी देते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही तीन भाग्यशाली रत्नों के बारे में।

दूधिया पत्थर

ओपल को शुक्र ग्रह का रत्न माना जाता है, जो सुंदरता, प्रेम और भौतिक समृद्धि का प्रतीक है। सफेद या हल्के नीले रंग का ओपल सबसे शुभ माना जाता है। यह व्यक्ति के आत्मविश्वास को बढ़ाता है और जीवन में आकर्षण लाता है। ओपल धारण करने से करियर और व्यवसाय में नई संभावनाएँ खुलती हैं, साथ ही रिश्तों में मधुरता भी आती है।

पेरिडोट (रत्न)

पेरिडॉट को बुद्धि, ज्ञान और स्वास्थ्य से जुड़ा रत्न माना जाता है। यह मानसिक स्पष्टता बढ़ाता है और निर्णय लेने की क्षमता को मज़बूत करता है। यह करियर या व्यवसाय में उन्नति के द्वार खोलता है और आर्थिक स्थिति में सुधार करता है। पेरिडॉट नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और व्यक्ति के जीवन में खुशी और स्थिरता लाता है।

लाजवर्त

लाजवर्त रत्न शनि और राहु ग्रहों से संबंधित है। यह रत्न सौभाग्य लाता है और आत्मविश्वास बढ़ाता है। इसे धारण करने से आत्मविश्वास बढ़ता है, निर्णय लेने की क्षमता मज़बूत होती है और जीवन में स्थिरता आती है। यह धन और सुख को आकर्षित करता है और करियर में ऊंचाइयों तक पहुँचने में मदद करता है।

रत्न धारण करने से पहले इस बात का ध्यान रखें।

ओपल, पेरीडॉट और लैपिस लाजुली जैसे रत्न न केवल सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते हैं, बल्कि सुख, समृद्धि और आत्मविश्वास का मार्ग भी प्रशस्त करते हैं। यह याद रखना ज़रूरी है कि कोई भी रत्न धारण करने से पहले किसी रत्न विशेषज्ञ या ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें। रत्नशास्त्र के अनुसार, सही रत्न का चयन व्यक्ति का भाग्य बदल सकता है। हालाँकि, आपकी कुंडली और राशि के विपरीत रत्न धारण करने से आपके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है।