Prabhat Vaibhav,Digital Desk : देशभर में राष्ट्र प्रेरणा का संदेश उत्तर दिशा से फैलने वाला है और इसका केंद्र लखनऊ बनेगा। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने करीब 65 एकड़ क्षेत्र में 232 करोड़ रुपये की लागत से एक भव्य राष्ट्र प्रेरणा स्थल तैयार किया है। यह स्थल जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित है।
25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस राष्ट्र प्रेरणा स्थल का उद्घाटन करेंगे। इसी दिन तीनों महान विभूतियों की 65-65 फीट ऊंची प्रतिमाओं का अनावरण और म्यूजियम का लोकार्पण भी किया जाएगा। आयोजन को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
बसंतकुंज योजना के सेक्टर जे में बने इस प्रेरणा स्थल में कुल छह प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। एक द्वार से वीवीआईपी और दूसरे से वीआईपी का आवागमन होगा, जबकि चार द्वार आम लोगों के लिए खुले रहेंगे। आयोजन को सुचारू बनाने के लिए स्थल के आसपास करीब डेढ़ किलोमीटर की परिधि में 15 अलग-अलग पार्किंग स्थल तैयार किए गए हैं, जहां जिलों से आने वाली बसें और विशिष्ट अतिथियों के वाहन खड़े किए जाएंगे।
यातायात व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन ने भी पूरी तैयारी कर ली है। अलग-अलग जिलों से आने वाले लोगों के लिए तय मार्ग निर्धारित किए गए हैं, ताकि कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने में किसी तरह की परेशानी न हो। सीतापुर, लखीमपुर खीरी, हरदोई, कानपुर, उन्नाव, रायबरेली, बाराबंकी और अयोध्या समेत आसपास के जिलों से आने वालों के लिए अलग-अलग रूट बनाए गए हैं।
प्रेरणा स्थल पर बने म्यूजियम में तीनों राष्ट्र नायकों के जीवन, विचार और योगदान को विस्तार से दर्शाया गया है। पांच गैलरियों और पांच खुले कोर्टयार्ड वाले इस म्यूजियम का क्यूरेशन पूरा हो चुका है। इसका उद्देश्य आने वाली पीढ़ियों में राष्ट्रवाद और सेवा भावना को मजबूत करना है। इस म्यूजियम को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
आयोजन को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए प्रशासन ने कुछ जरूरी दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। जिलों से आने वाले लाभार्थियों के साथ छोटे बच्चों, बुजुर्गों और दिव्यांगों को न लाने की अपील की गई है। ठंड को देखते हुए सभी को पर्याप्त गर्म कपड़े पहनने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही किसी भी तरह के ज्वलनशील सामान को लाने पर पूरी तरह रोक रहेगी।
हर बस में यात्रियों से जुड़ी जानकारी की स्लिप उपलब्ध कराई जाएगी और सभी को तय पार्किंग और निर्धारित ब्लॉक में ही बैठाया जाएगा। भोजन और पानी की व्यवस्था की जिम्मेदारी बस प्रभारियों की होगी।
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