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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : देश की राजधानी दिल्ली में दिवाली के तुरंत बाद हवा जहरीली हो गई है और ज्यादातर इलाकों में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई है। बर्कले अर्थ की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली की हवा में सांस लेना एक दिन में लगभग 11.1 सिगरेट पीने जितना खतरनाक है। हवा में पीएम 2.5 का उच्च स्तर नागरिकों की सांस लेने पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है। 21 अक्टूबर की सुबह, दिल्ली के लगभग सभी मॉनिटरिंग स्टेशनों पर प्रदूषण का स्तर रेड ज़ोन में दर्ज किया गया, जिसमें बवाना में सबसे खराब AQI 427 था। इस दिवाली में पिछले 4 सालों में सबसे ज्यादा प्रदूषण दर्ज किया गया है, जिसका मुख्य कारण सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए रात भर पटाखे फोड़ना है।

दिवाली के बाद दिल्ली की हवा ' जहरीली गैस चैंबर ' बन गई

दिवाली का त्योहार खत्म होते-होते राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की हवा एक बार फिर बेहद जहरीली हो गई है। 21 अक्टूबर की सुबह भी शहर के ज़्यादातर इलाकों में हवा की गुणवत्ता 'बेहद खराब' से 'गंभीर' श्रेणी में रही। हवा की गुणवत्ता का यह स्तर आम लोगों के लिए जानलेवा हो सकता है।

कैलिफ़ोर्निया स्थित संस्थान बर्कले अर्थ के एक विश्लेषण के अनुसार, पिछले 24 घंटों में दिल्ली की हवा में पीएम 2.5 के स्तर को देखते हुए, दिल्ली की हवा में साँस लेना लगभग 11.1 सिगरेट प्रतिदिन पीने जितना हानिकारक है। साप्ताहिक आधार पर गणना करने पर यह आँकड़ा 77.7 सिगरेट के बराबर है, और मासिक आधार पर यह आँकड़ा लगभग 333 सिगरेट पीने के बराबर है। ये आँकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि दिल्ली की हवा में साँस लेने से शरीर को उतना ही गंभीर नुकसान होता है जितना धूम्रपान से।

प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में: चार साल का रिकॉर्ड टूटा

दिवाली के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो गई कि एक समय यह दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गया था, जबकि पाकिस्तान का लाहौर दूसरे स्थान पर था। सोमवार को, दिल्ली के लगभग सभी निगरानी केंद्रों पर प्रदूषण का स्तर रेड ज़ोन में दर्ज किया गया, जो 401 से 500 के बीच गंभीर AQI दर्शाता है।

21 अक्टूबर की सुबह के आंकड़ों के अनुसार, देश भर के 494 वायु गुणवत्ता केंद्रों में से, दिल्ली के बवाना इलाके में वायु गुणवत्ता सबसे खराब रही, जहाँ AQI 427 दर्ज किया गया। अन्य गंभीर रूप से प्रभावित इलाकों में वज़ीरपुर में 423 AQI, द्वारका में 417 AQI और आनंद विहार में 404 AQI दर्ज किया गया। सिर्फ़ दिल्ली ही नहीं, बल्कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद जैसे दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में भी वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' दर्ज की गई।

आंकड़े बताते हैं कि इस दिवाली पिछले चार सालों में सबसे ज़्यादा प्रदूषण देखा गया। दिवाली के बाद हवा धूल और धुएँ से इतनी घनी हो गई कि लोगों को आँखों में जलन और साँस लेने में तकलीफ़ की शिकायत होने लगी। हालाँकि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और दिल्ली-एनसीआर में निर्धारित समय के दौरान केवल ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति दी थी, फिर भी लोगों ने अदालत के आदेश की अनदेखी की और रात भर पटाखे फोड़ते रहे, जिससे प्रदूषण का स्तर अभूतपूर्व स्तर तक बढ़ गया।