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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भारतीय वायुसेना (IAF) ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर से सटी नियंत्रण रेखा (LoC) के पास तीन दिवसीय (19-21 अगस्त) युद्धाभ्यास करने जा रही है। इस अभ्यास के लिए वायुसेना की ओर से 'नोटिस टू एयरमेन' (NOTAM) जारी किया गया है, जिसमें इस क्षेत्र में नागरिक और सैन्य उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बड़े पैमाने पर होने वाला यह अभ्यास पाकिस्तान के लिए चिंता का सबब बन सकता है, क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर में 11 पाकिस्तानी एयरबेस तबाह कर दिए गए थे।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद, भारतीय वायुसेना पहली बार जम्मू-कश्मीर के पास एक बड़ा अभ्यास करने के लिए तैयार है। इस अभ्यास में राफेल, मिग-29 और सुखोई-30 जैसे लड़ाकू विमान हिस्सा लेंगे। 19 से 21 अगस्त तक चलने वाले इस अभ्यास में श्रीनगर, अवंतीपोरा, आदमपुर और अंबाला जैसे एयरबेस शामिल हो सकते हैं। इसके साथ ही, भारत ने लंबी दूरी की मिसाइल के परीक्षण के लिए हिंद महासागर में 4,790 किलोमीटर के 'नो-फ्लाई ज़ोन' की भी घोषणा की है, जिससे पाकिस्तान और चीन की चिंताएँ बढ़ गई हैं।

अभ्यास का महत्व और विवरण

यह अभ्यास 19 अगस्त से 21 अगस्त तक चलेगा। अब तक भारतीय वायुसेना ने मुख्य रूप से गुजरात और राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में इस तरह के अभ्यास किए हैं। उत्तरी क्षेत्र में यह पहली बार हो रहा है, जिससे पाकिस्तान की चिंताएँ बढ़ गई हैं। अभ्यास के दौरान श्रीनगर, अवंतीपोरा, आदमपुर और अंबाला जैसे एयरबेस का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस दौरान नियंत्रण रेखा के पास आसमान में किसी भी प्रकार के विमान को उड़ान भरने की अनुमति नहीं है, जिसकी सूचना वायुसेना द्वारा जारी नोटम में दी गई है। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य वायुसेना की ऑपरेशनल तैयारियों और युद्ध की परिस्थितियों में उसकी क्षमताओं को परखना है।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, भारतीय वायुसेना ने 11 पाकिस्तानी एयरबेस तबाह कर दिए, जिनमें से कई अभी भी निष्क्रिय हैं। पाकिस्तानी वायुसेना ने रहीम यार खान एयरबेस को 22 अगस्त तक बंद करने की भी घोषणा की है, क्योंकि उसका रनवे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। ऐसे में भारतीय वायुसेना का यह अभ्यास पाकिस्तान पर मनोवैज्ञानिक दबाव बढ़ाएगा।

हिंद महासागर में मिसाइल परीक्षण

भारतीय वायुसेना के अभ्यास के अलावा, भारत ने हिंद महासागर में भी एक अहम कदम उठाया है। 20 और 21 अगस्त को ओडिशा तट से एक लंबी दूरी की मिसाइल का परीक्षण किया जाएगा। इसके लिए 4,790 किलोमीटर का 'नो-फ्लाई ज़ोन' घोषित किया गया है। यह परीक्षण 'अग्नि-6 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल' (ICBM) या हाइपरसोनिक मिसाइल का होने की संभावना है। यह परीक्षण भारत के बढ़ते सैन्य आकार और क्षमता को दर्शाता है।

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित युद्धविराम भंग होने पर चिंता व्यक्त की है, जिससे मौजूदा स्थिति और भी गंभीर हो गई है। ये अभ्यास और परीक्षण भारत की रणनीतिक तैयारियों का हिस्सा हैं, जो देश की सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।