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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में आरजेडी को उम्मीद से कहीं ज्यादा खराब नतीजे मिले। तेजस्वी यादव, जिन्होंने 18 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने का दावा किया था, उनकी पार्टी मात्र 25 सीटों पर सिमटकर रह गई। इस करारी हार के बाद अब एक बार फिर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है मदन प्रसाद की—वही नेता जिनका टिकट आरजेडी ने काट दिया था और जो रोते-रोते जमीन पर लेट गए थे।

टिकट न मिलने के बाद मदन प्रसाद पटना में लालू यादव के घर के बाहर फफक-फफक कर रो पड़े थे। उस समय उन्होंने गुस्से में कहा था कि आरजेडी को सिर्फ 25 सीटें ही मिलेंगी। चुनाव नतीजों ने उनका यह दावा बिल्कुल सच साबित कर दिया। उन्होंने उस वक्त कहा था कि वह पार्टी को "25 सीटों पर सिमटने का श्राप" दे रहे हैं—और यही हुआ।

चुनाव परिणाम आने के बाद मदन प्रसाद ने कहा कि उन्हें पार्टी के हारने का दुख तो है, लेकिन भगवान जो भी करता है, अच्छे के लिए ही करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के अंदर कुछ लोग जानबूझकर आरजेडी को कमजोर कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक ऐसे लोगों को हटाया नहीं जाएगा, पार्टी की हालत सुधर नहीं सकती।

"तेजस्वी सरकार नहीं बनाएगा" — मदन प्रसाद का पुराना बयान फिर वायरल

19 अक्टूबर को टिकट कटने के बाद मदन प्रसाद ने तेजस्वी यादव पर नाराजगी जताते हुए कहा था:

  • "तेजस्वी सरकार नहीं बनाएगा।"
  • "वह बहुत घमंडी है, लोगों से मिलता नहीं।"
  • "टिकट संजय यादव बांट रहे हैं।"
  • "लालू यादव मेरे गुरु हैं, उन्होंने मुझसे टिकट देने का वादा किया था।"

मदन प्रसाद ने यह भी दावा किया था कि 2020 में लालू यादव ने रांची बुलाकर तेली समाज की जनसंख्या का सर्वे कराने को कहा था और उन्हें आश्वासन दिया था कि वे मधुबन सीट से रणधीर सिंह को हरा सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह 90 के दशक से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं और टिकट की उम्मीद में अपनी जमीन तक बेच दी, लेकिन फिर भी अंतिम समय पर टिकट किसी और को दे दिया गया।

इन सभी बयानों के बीच, चुनाव के नतीजों ने मदन प्रसाद को एक बार फिर सुर्खियों के केंद्र में ला दिया है।