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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : 22 साल पुराने दंगा मामले में आखिरकार फैसला आ गया है। बगहा के चर्चित केस में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ मानवेंद्र मिश्र की अदालत ने सभी 26 अभियुक्तों को सबूतों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया। इस लिस्ट में वाल्मीकिनगर के पूर्व सांसद कैलाश बैठा का नाम भी शामिल था।

यह मामला 20 दिसंबर 2003 का है, जब बगहा में रेलवे गुमटी संख्या 50B और स्टेशन चौक पर जमकर आगजनी और तोड़फोड़ की गई थी। उस समय के एसपी रत्न संजय के तबादले के विरोध में यह हिंसा भड़की थी। उस घटना में रेलवे को करीब 1.88 लाख रुपये का नुकसान हुआ था और सरकारी कामकाज में भी रुकावट आई थी।

नगर थाने में तैनात कृष्णा शाही ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें कई लोगों के नाम थे – रामजी सहनी, अरविंद नाथ तिवारी, घनश्याम यादव, सुरेश राम, शंभू गुप्ता समेत 26 लोगों को आरोपित किया गया था।

केस में भारतीय दंड संहिता की कई धाराएं (जैसे 147, 148, 353, 435, 120बी आदि) और रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा चला। जांच अधिकारी ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। अदालत ने भी संज्ञान लिया और 8 नवंबर 2017 को सभी अभियुक्त अदालत में पेश हुए।

सुनवाई के दौरान अभियुक्तों ने खुद को निर्दोष बताते हुए किसी भी हिंसा में शामिल होने से साफ इनकार किया। 15 जून 2025 को उनके बयान दर्ज किए गए, जिसमें उन्होंने फिर से सभी आरोपों को नकार दिया।

जज मानवेंद्र मिश्र ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा इतने वर्षों में किसी भी ठोस साक्ष्य को प्रस्तुत नहीं किया गया। ऐसे में अदालत ने सभी अभियुक्तों को दोषमुक्त करने का निर्णय सुनाया।