
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : अमेरिका ने ईरान के 'परमाणु स्थलों' पर हमला किया है। इस हमले के कुछ घंटों बाद ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और इजरायली सेना को अमेरिका के साथ काम करने के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही ट्रंप ने ईरान में सत्ता परिवर्तन को लेकर भी चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने खामेनेई को सत्ता से हटाने का संकेत दिया है।
ईरान में शासन परिवर्तन के संबंध में ट्रम्प ने कहा, "शासन परिवर्तन शब्द का प्रयोग करना राजनीतिक रूप से सही नहीं है, लेकिन यदि वर्तमान ईरानी शासन ईरान को फिर से महान बनाने में असमर्थ है, तो शासन परिवर्तन क्यों नहीं? MIGA!"
ईरान पर अमेरिका का हमला
ईरान और ईरान के बीच चल रहे युद्ध में अमेरिका भी कूद पड़ा है। अमेरिका ने बी2 बॉम्बर से ईरान पर हमला किया। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपनी सेना की तारीफ की। अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु केंद्रों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हमला किया, जिसका मकसद ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकना था।
पहला हमला ईरान के परमाणु स्थलों पर हुआ।
ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष 13 जून को शुरू हुआ था। इजरायल ने अचानक ईरान पर हमला कर दिया। इजरायली अधिकारियों ने दावा किया कि यह हमला तेहरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए किया गया था। इस संघर्ष ने पूरे क्षेत्र में तनाव बढ़ा दिया है, जो अक्टूबर 2023 से गाजा में इजरायल के लंबे युद्ध के बाद पहले से ही चरम पर है।
आपको बता दें कि इजरायल के हमले के बाद ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई की थी। उसने तेल अवीव में कई जगहों पर हमले किए। ईरान ने इजरायल के एक बड़े अस्पताल को भी निशाना बनाया। इसके बाद अमेरिका ने कहा था कि वह इस बात पर विचार करेगा कि युद्ध में हिस्सा लेना है या नहीं, लेकिन उसने अचानक हमला कर दिया।
इजराइल के साथ चल रहे युद्ध के बीच अमेरिका ने रविवार (22 जून 2025) को ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर बी-2 बमवर्षकों का इस्तेमाल करते हुए बंकर बस्टर बमों से हमला किया। अमेरिका के इस हमले के जवाब में अब ईरान की संसद ने एक बड़ा और दूरगामी फैसला लिया है: उसने अंतरराष्ट्रीय गलियारे, होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने का प्रस्ताव पारित किया है । ईरान के इस फैसले का दुनिया भर के देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर गंभीर असर पड़ेगा और इससे वैश्विक तेल की कीमतों में तेज उछाल आ सकता है।