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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : देशभर में गणेश चतुर्थी का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस साल गणेश चतुर्थी का त्योहार 27 अगस्त 2025 से शुरू होगा और इस दिन भक्त अपने घरों, दफ्तरों और पंडालों में गणपति बप्पा को स्थापित कर पूरे विधि-विधान से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं।

6 सितंबर 2025 को अनंत चतुर्दशी के दिन इसका समापन होगा। हिंदू धर्म में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है, इसलिए हर शुभ कार्य से पहले उनकी पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार, अगर पूजा के दौरान कुछ परंपराओं का पालन न किया जाए, तो उसका फल नहीं मिलता। आइए जानते हैं गणेश स्थापना और पूजा के दौरान किन 7 गलतियों से बचना चाहिए।

गणेश पूजा की स्थापना करते समय इन 7 गलतियों से बचें

मूर्ति को गलत दिशा में रखना

गणेश जी की स्थापना करते समय हमें मूर्ति को हमेशा घर के उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) या उत्तर दिशा की ओर मुख करके स्थापित करना चाहिए। इस उपाय को करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

मूर्ति को सीधे ज़मीन पर रखें।

मूर्ति स्थापित करते समय उसे सीधे ज़मीन या कहीं और नहीं रखना चाहिए। यह शुभ नहीं माना जाता। मूर्ति को हमेशा लकड़ी के आधार, लाल या पीले कपड़े पर स्थापित करना चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

एक से अधिक मूर्तियाँ स्थापित करना

घर या पंडाल में केवल एक ही गणेश प्रतिमा स्थापित की जानी चाहिए। अन्यथा, एक ही पंडाल में अधिक प्रतिमाएँ स्थापित करने से पूजा का फल आधा हो जाता है और भ्रम की स्थिति भी पैदा होती है।

अधूरी या टूटी हुई मूर्ति का उपयोग करना

पंडाल या पूजा के दौरान टूटी हुई या अधूरी मूर्ति का उपयोग नहीं करना चाहिए। ऐसी मूर्ति अशुभ और दोषपूर्ण मानी जाती है।

तुलसी और केतकी के फूल भूलकर भी न चढ़ाएं।

भगवान गणेश को तुलसी के पत्ते और केतकी के फूल चढ़ाना वर्जित है। इसके स्थान पर उन्हें दूर्वा, लाल फूल और मोदक चढ़ाने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।

दक्षिणावर्ती शंख वर्जित है।
गणेश पूजा के दौरान दक्षिणावर्ती शंख बजाना अशुभ माना जाता है। केवल सामान्य शंख का ही प्रयोग करें।

विसर्जन के दौरान नियमों की अनदेखी
गणेश जी का विसर्जन पूरे विधि-विधान और मंत्रोच्चार के साथ करना चाहिए। बिना पूजा या जल्दबाजी में विसर्जन करना अशुभ माना जाता है।

निष्कर्ष:
गणेश चतुर्थी का पर्व केवल आस्था का ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समाज को एक सूत्र में पिरोने का भी माध्यम है। अगर हम पूरे नियम और श्रद्धा से पूजा करें, तो जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। इसलिए 2025 में गणपति बप्पा की स्थापना करते समय इन 7 गलतियों से ज़रूर बचें।