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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में कफ सिरप के कारण बच्चों की मौत के मामले सामने आने के बाद यह विषय हाल ही में चर्चा में रहा है। सामान्य तौर पर, भारत में बिना डॉक्टर की सलाह के कफ सिरप देने की आदत व्यापक है, जो छोटे बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। विशेषज्ञों और अंतर्राष्ट्रीय दिशानिर्देशों के अनुसार, दो साल से कम उम्र के बच्चों को ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) खांसी और सर्दी की दवाओं से बचना चाहिए, क्योंकि उनके दुष्प्रभाव गंभीर हो सकते हैं। भारत में भी, सरकार ने सुरक्षा कारणों से चार साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कुछ खांसी की दवाओं के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। डब्ल्यूएचओ भी 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कफ सिरप के इस्तेमाल में सावधानी बरतने की सलाह देता है, क्योंकि इसके लाभ सीमित हैं और जोखिम अधिक हैं।

बच्चों को कफ सिरप देने की सही उम्र और जोखिम

भारत में एक ऐसा माहौल है जहाँ जब कोई व्यक्ति या बच्चा बीमार पड़ता है, तो लोग बिना डॉक्टर की सलाह के, अपने अनुभव के आधार पर उसे कफ सिरप समेत दवाइयाँ देना शुरू कर देते हैं। राजस्थान और मध्य प्रदेश में ज़हरीले रसायनों वाले कफ सिरप के कारण बच्चों की जान जाने की हालिया दुखद घटनाओं ने इस गंभीर लापरवाही की ओर ध्यान आकर्षित किया है।

बाल रोग विशेषज्ञ इस बात पर ज़ोर देते हैं कि दवाओं का असर और उनके दुष्प्रभाव छोटे बच्चों पर वयस्कों की तुलना में ज़्यादा गंभीर होते हैं। इसलिए, माता-पिता के लिए यह जानना बेहद ज़रूरी है कि किस उम्र से बच्चों को कफ सिरप देना सुरक्षित है।

दिशानिर्देश और विशेषज्ञ की राय

  • अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के अनुसार, दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को बिना डॉक्टरी पर्ची के मिलने वाली खांसी और सर्दी की दवा नहीं दी जानी चाहिए।
  • भारत सरकार ने सुरक्षा कारणों से चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए कुछ खांसी की दवाओं के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
  • भोपाल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. संजय जैन कहते हैं कि सर्दी-ज़ुकाम के ज़्यादातर मामले पर्याप्त आराम और गुनगुना पानी पीने से अपने आप ठीक हो जाते हैं, इसलिए हमेशा सिरप की ज़रूरत नहीं होती। बच्चों में ज़्यादातर खांसी एलर्जी के कारण होती है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को खांसी और सर्दी की दवाओं का उपयोग सावधानी से करना चाहिए, क्योंकि इनके लाभ सीमित होते हैं जबकि नुकसान का खतरा अधिक होता है।

खांसी की दवा के सुरक्षित विकल्प

यदि आपके बच्चे को खांसी है, तो उसे दवा देने के बजाय कुछ सरल घरेलू उपचारों का उपयोग करना अधिक सुरक्षित है:

  • बच्चे को पर्याप्त पानी पिलाएं।
  • भाप का श्वास लें।
  • यदि बच्चा एक वर्ष से अधिक उम्र का है, तो उसे शहद दिया जा सकता है, जिससे खांसी से राहत मिलती है।

विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि खांसी की दवाइयों या सिरप का इस्तेमाल तभी करना चाहिए जब स्थिति गंभीर हो और वह भी डॉक्टर से उचित परामर्श के बाद। छोटे बच्चों के लिए, घरेलू उपचार और चिकित्सकीय देखरेख ही सबसे सुरक्षित विकल्प है।