(गठबंधन दलों से किनारा)
मुंबई में इंडिया गठबंधन दलों की बैठक से एक दिन पहले बसपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा एलान किया है। बता दें कि बसपा के भी इंडिया गठबंधन में शामिल होने को लेकर पिछले दिनों चर्चाएं जोरों पर थी। लेकिन अब मायावती ने स्पष्ट कहा कि उनकी बसपा अकेले चुनाव लड़ेगी। राजधानी लखनऊ में बसपा प्रमुख मायावती ने अब एनडीए और इंडिया गठबंधन पर निशाना साधते हुए दोनों ही गठबंधन पर गरीब विरोधी होने के साथ ही जातिवादी होने का आरोप लगाया है। वैसे यह भी बताया जा रहा है कि मायावती को लेकर एनडीए के साथ इंडिया गठबंधन दलों के नेताओं ने अपने साथ लेने में कोई रुझान नहीं दिखाया।
मायावती ने बुधवार सुबह एक के बाद एक कर चार ट्वीट किए। उनका कहना है कि एनडीए और I.N.D.I.A. गठबंधन गरीब-विरोधी जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ समर्थक पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियां हैं। इनके खिलाफ बीएसपी लगातार संघर्ष कर रही है। इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता। अतः मीडिया से अपील है कि वे फेक न्यूज ना फैलाएं। अपने ट्विटर अकाउंट पर मायावती ने लिखा है- 'बीएसपी, विरोधियों के जुगाड़/जोड़तोड़ से ज्यादा समाज के टूटे/बिखरे हुए करोड़ों उपेक्षितों को आपसी भाईचारा के आधार पर जोड़कर उनके गठबंधन से 2007 की तरह अकेले आगामी लोकसभा और चार राज्यों में विधानसभा का आमचुनाव लडे़गी।
मीडिया बार-बार भ्रान्तियां न फैलाए। वैसे तो बीएसपी से गठबंधन के लिए यहां सभी आतुर है। पर ऐसा न करने पर विपक्षी खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की तरह भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाते हैं। इनसे मिल जाएं तो सेक्युलर न मिलें तो भाजपाई। यह घोर अनुचित है। अंगूर मिल जाए तो ठीक वरना अंगूर खट्टे हैं, की कहावत जैसी। मायावती ने आगे लिखा- BSP विरोधियों के जुगाड़, जोड़तोड़ से ज्यादा समाज के टूटे हुए करोड़ों उपेक्षितों को आपसी भाईचारा के आधार पर जोड़कर उनके गठबंधन से साल 2007 की तरह अकेले आगामी लोकसभा, विधानसभा का आम चुनाव लडे़गी।
बसपा से निकाले गए सहारनपुर के पूर्व विधायक इमरान मसूद पर भी मायावती ने निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि बसपा से निष्कासित पूर्व विधायक इमरान मसूद कांग्रेस और उसके बड़े नेताओं की प्रशंसा करने में व्यस्त रहते हैं। ऐसे में यह सवाल सभी के दिमाग में आता है उन्होंने पहले ही यह पार्टी ही क्यों छोड़ी और फिर दूसरी पार्टी में गए। ऐसे में जनता कैसे इन लोगों पर भरोसा कर सकता है। बता दें कि इंडिया गठबंधन दलों की दो दिवसीय बैठक 31 और 1 सितंबर को मुंबई में आयोजित हो रही है।