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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार में अभी विधानसभा चुनाव को कुछ समय है, लेकिन राजनीतिक दलों के अंदर सीटों पर कब्जे और टिकट हासिल करने की जद्दोजहद अभी से तेज हो गई है। कटिहार जिले की कड़वा विधानसभा सीट भी उनमें से एक है, जहां सत्तारूढ़ महागठबंधन और मुख्य विपक्षी एनडीए दोनों खेमों में टिकट पाने के लिए बड़े नेताओं के बीच जोरदार प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। यह सीट अपने सियासी गणित और हर चुनाव में रोचक मुकाबले के लिए जानी जाती है।

पिछले चुनाव का समीकरण और मौजूदा विधायक:
2020 के विधानसभा चुनाव में कड़वा सीट से कांग्रेस के शकील अहमद खान ने अपनी जीत दर्ज की थी, लेकिन यह जीत इतनी आसान नहीं थी। उन्हें असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम (AIMIM) के उम्मीदवार अशरफ आलम से कांटे की टक्कर मिली थी, जिसमें शकील अहमद खान बहुत कम मतों के अंतर से ही जीत हासिल कर पाए थे। उस समय जदयू के दयानंद महतो एनडीए उम्मीदवार के रूप में मैदान में थे, जिससे मुकाबला त्रिकोणीय हो गया था।

महागठबंधन के अंदर का हाल:
कड़वा सीट पर अब कांग्रेस, राजद और जदयू के घटक दलों से कई नेता दावेदारी ठोक रहे हैं। मौजूदा विधायक शकील अहमद खान बेशक महागठबंधन के मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे हैं, लेकिन गठबंधन में शामिल राजद और जदयू के नेता भी इस सीट पर अपनी दावेदारी को मजबूती से पेश कर रहे हैं। यहां तक कि जदयू, जो पहले भाजपा के साथ एनडीए में थी, अब राजद और कांग्रेस के साथ होने से उसकी पुरानी सीट पर दावेदारी का मुद्दा और पेचीदा हो गया है। माना जा रहा है कि स्थानीय समीकरणों और दलगत शक्ति के आधार पर अंतिम फैसला होगा।

एनडीए में भी दावेदारों की लंबी फेहरिस्त:
इधर, एनडीए में भी यह सीट हथियाने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी चल रही है। भाजपा के कई दिग्गज नेता इस सीट पर अपनी किस्मत आजमाने की फिराक में हैं। दयानंद महतो जैसे पुराने उम्मीदवार, जो पहले जदयू से चुनाव लड़ चुके हैं, अब बदलते समीकरणों में किस दल से आते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा। जातीय समीकरण और पार्टी का जमीनी प्रभाव टिकट वितरण में अहम भूमिका निभाएगा।

इसके अलावा, एआईएमआईएम भी इस सीट पर फिर से मजबूत वापसी की कोशिश में होगी, खासकर अशरफ आलम, जिन्होंने पिछले चुनाव में जबरदस्त चुनौती पेश की थी। यह स्पष्ट है कि 2025 के चुनाव में कड़वा विधानसभा सीट एक बार फिर हाई-वोल्टेज चुनावी रणभूमि बनने जा रही है, जहां राजनीतिक दलों के लिए उम्मीदवारों का चयन किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगा।